प्रदूषण जांच केंद्रों की अनदेखी: सरकार के सहयोग की कमी से संचालकों की परेशानी बढ़ी

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मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार के परिवहन विभाग की अनुदान योजना के तहत 2022 में प्रखंड स्तर पर प्रदूषण जाँच केंद्र खोलने के लिए 50% से 100% तक का अनुदान दिया जाना था। मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल और कटरा प्रखंड में प्रदूषण जाँच केंद्र खोले गए थे, लेकिन अब तक संचालकों को अनुदान की राशि नहीं मिली है।

वहीं संचालकों का कहना है कि लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद भी विभाग द्वारा लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है, जिससे संचालकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, विभाग की उदासीनता का लाभ कुछ फर्जी प्रदूषण जाँच केंद्र उठा रहे हैं, जो बिना लाइसेंस के ही वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।

विभाग को इस संबंध में कई बार लिखित और मौखिक रूप से कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में संचालक अनिश्चितता और आर्थिक बोझ के बीच फंसे हुए हैं, और प्रदूषण जाँच केंद्र चलाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

विभाग की अनदेखी से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि प्रदूषण जाँच केंद्र संचालकों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है।

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