सीतामढ़ी। कम पूंजी और कम समय में लोग जल्दी ही धनी बनाना चाहते हैं। ऐसे लोग खासकर ऑनलाइन यानी सोशल मीडिया पर कुकुरमुत्ते की तरह छाए हुए इन्वेस्टमेंट पोर्टल पर पूंजी फांसते है। शुरूआत में तो ऑनलाइन फ्रॉड की भनक नहीं लगती है। कारण कि इन्वेस्टमेट करने के एवज में कुछ मुनाफा मिलता है। फ्रॉड अपना असली करामात तब दिखाता है, जब लोग कमाई के चक्कर में अधिक पूंजी इन्वेस्टमेंट करते है। यानी एक बार में ही फ्रॉड द्वारा व्यक्ति की पूरी जमा पूंजी चपत कर ली जाती है। इस तरह की बढ़ती घटनाओं के बीच सीतामढ़ी जिला पुलिस ने लोगों को जागरूक कर रही है। ताकि कोई फ्रॉड का शिकार न हो।
जिला पुलिस ने ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट फ्रॉड के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी है। बताया गया है कि फ्रॉड हजार-दो रूपये में सस्ती वेबसाइट्स बनाते हैं। इसकी एक टीम होती है। टीम अपने स्तर से इन्वेस्ट करता है। फिर खेल शुरू करता है। फ्रॉड पहले कलर पहचानने या ताजमहल कहां स्थित है, जैसे सवाल पूछ कर सही जवाब देने पर 49 रुपए से 150 रुपये तक देता है। यह पैसा तुरंत क्रेडिट कर देता है। फिर दो-तीन सवालों के बाद यूट्यूब, गूगल, गूगल मैप और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर रिव्यू देने को कहता है। हर रिव्यू का 50 से 150 रुपया देता है। ऐसा 2 से 3 दिन तक चलता है।
लगभग 1000 तक रुपए कमा लेने के बाद ID होल्डर को थोड़ा भरोसा हो जाता है कि वह बड़ी कंपनी से जुड़ा हुआ है। फ्रॉड यहां से संबंधित व्यक्ति को कृप्टो ट्रेडिंग टाइप की दूसरी वेबसाइट पे ले जाता और वहां व्यक्ति को वीआईपी मेंबरशिप बोल एक नए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा देता है। वहां हर मिनट 50 से ज्यादा इन्वेस्ट पेमेंट स्क्रीनशॉट और प्रॉफिट पेमेंट स्क्रीनशॉट भेजता है, जो कि सब फेक होते हैं। वहां इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाएगा और शुरूआत में यह रकम सिर्फ 1000 से 1500 देता है।
पुलिस को लोगों को बताया है कि पूंजी से अधिक पैसा खाते में आते रहने पर लोगों का भरोसा बढ़ता जाता है। फ्रॉड के कहने पर लोग 3000 से 5000 तक पूंजी लगाते हैं। इसके बाद फ्रॉड रिटर्न देना रोक देता है और तीन टास्क पूरे करने के लिए नियमावली बताता है। तब लोग सोचता है कि दो दिन पैसा प्रॉफिट सहित वापस मिल जायेगा। हालांकि ऐसा होता नहीं है। यानी पैसा वापस नहीं मिलता है। बहुत सारे लोग लाखों की पूंजी लगाते हैं और फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। फिर लोग पुलिस के यहां जाते हैं। पुलिस उन खाते को ट्रेस करती है, जिनसे आपने ट्रांजेक्शन किए होते हैं। पुलिस की माने तो फ्रॉड एक वेबसाइट से दो से 50 करोड़ तक का स्कैम करते हैं। फिर दूसरी साइट बना लेते हैं और यही पूरा पैटर्न रिपीट करते हैं।