निगरानी टीम के हत्थे चढ़े तो आएगी शामत

 सीतामढ़ी। अब भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों की खैर नहीं है। जो लोग गलत तरीके से पैसे कमा रहे हैं या कमा चुके हैं, उनकी जांच अब तुरंत होगी। सरकार के आदेश पर डीएम रिची पांडेय ने ऐसे कर्मचारियों की जांच के लिए एक ख़ास टीम बनाई है। इस टीम को ‘निगरानी कोषांग’ कहा जा रहा है।
पहले क्या होता था कि भ्रष्टाचार की शिकायतें दफ़्तरों में दब जाती थीं। अभी भी कई ऐसे मामले दबे पड़े हैं। लेकिन सरकार ने अब इस पर सख्ती दिखाई है। अब कोई भी व्यक्ति निगरानी विभाग में किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। विभाग खुद या फिर जिला स्तर पर गठित ‘निगरानी कोषांग’ मामले की जांच करेगा।
यह ‘निगरानी कोषांग’ 13 जून को निगरानी विभाग के संयुक्त सचिव के आदेश पर बनाया गया है। इसमें एडीएम और मुख्यालय के डीएसपी शामिल हैं। ये दोनों ही अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेंगे। डीएम ने दोनों अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 19 सितंबर को मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार जांच करें और रिपोर्ट दें।
ख़बरों के मुताबिक अभी इस ‘कोषांग’ को दो कर्मचारियों के खिलाफ जांच सौंपी गई है। इनमें से एक कर्मचारी एक तकनीकी विभाग से जुड़ा है। जानकारों का मानना है कि पहले भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल था। इसलिए लोग शिकायत करने से कतराते थे। और अगर शिकायत करते भी थे तो कोई सुनवाई नहीं होती थी। लेकिन अब उम्मीद है कि शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा और समय पर जांच पूरी होगी।

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