
चरण सिंह
पहलगाम में आतंकी के बाद जिस तरह से देश गुस्से में है। चारों ओर से पाकिस्तान के खिलाफ बड़े एक्शन की मांग उठ रही है। जिस तरह से एक ओर तालिबानी और दूसरी ओर बलूच पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि भारत पर एक बड़ा मौका है कि पीओके को भारत में मिला लिया जाए। साथ ही बलूचिस्तान को भारत से अलग कर दिया जाए। जिस तरह से यूरोप के देश अपने लफड़ों से ही निपटने में लगे हैं। तो ऐसे में यह माना जा रहा है कि भारत के पास पाकिस्तान को घुटनों पर लाने का एक बड़ा मौका है। इस बार यदि भारत चूक गया तो देश कभी माफ़ नहीं करेगा।
दरअसल पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश ने एकजुटता दिखाई दी। पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मुसलमान भी हिन्दू मुस्लिम भाई भाई के नारे लगा रहे हैं। कश्मीर के मुसलमानों ने तो हक़ ही अदा कर दिया। एक घोड़ा वाले जहां आतंकियों से भिड़कर अपनी जान गंवा बैठा वहीं कई कश्मीरियों ने पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। केंद्र सरकार पर थोड़ा आक्रामक होने के साथ विपक्ष भी केंद्र सरकार के साथ है। असदुद्दीन ओवैसी उमर अब्दुल्ला ने तो पाकिस्तान को पूरी तरह से ललकार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेना प्रमुख को पाकिस्तान पर एक्शन लेने के लिए पूरी छूट दे दी है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात उनके साथ रणनीति बनाई है।
उधर नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड में भी बदलाव कर दिया गया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस, सीसीपीए, सीसीईए और कैबिनेट मीटिंग हो चुकी है। मोदी पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अभी तक कई सख्त फैसले ले चुके हैं। मतलब भारत ने अब पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली है। भारत के आक्रामक रुख को देखते हुए पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान खौफ में है। पाकिस्तान ने हाल ही में रूस, अमेरिका और तुर्की से बात की है। उसने यूएन को बताया कि भारत का आरोप बेबुनियाद है।
भारत के आक्रामक रुख और पाकिस्तान के बेशर्मी बरतने से यह तो तय हो गया है कि युद्ध तो होगा पर यह युद्ध क्या रूप धारण करेगा वह समय बताएगा। निश्चित रूप से भारत का प्रयास पीओके स्थित आतंकी कैंपों को ध्वस्त करना होगा। पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को ध्वस्त करना होगा। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि चीन ऐसे में भारत के सामने दिक्कत कर सकता है। पाकिस्तान से युद्ध छिड़ने पर चीन लद्दाख में भारत के लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है। इसमें दो राय नहीं कि रूस और इजरायल खुलकर भारत के साथ है। भारत के लिए चीन और अमेरिका दोनों ही देश टेंशन बन सकते हैं। चीन भारत को अस्थिर करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ता है तो अमेरिका को अपने हथियारों से बिकने से मतलब है।