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आईएएस संजीव हंस बेऊर जेल में मनाएंगे दिवाली!

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 करवट बदलते कट रही रात,  जेल प्रशासन से कमोड की मांग

 पटना। जस करनी तस भोगहु ताता, नरक जात पुनि क्या पछताता। जी हां, आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर यह पंक्तियां लागू होती हैं। आईएएस अधिकारी संजीव हंस को मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद ईडी ने बेऊर जेल भेज दिया है। संजीव हंस जब शुक्रवार को बेऊर जेल पहुंचे, तो उन्हें सबसे पहले आमद वार्ड में रखा गया। जेल से जुड़े सूत्रों की मानें, तो देर रात तक उन्होंने उस दिन खाना नहीं खाया। पूरी रात भ्रष्टाचार की यादों में खोए रहे। करवट बदलते हुए पूरी रात काट डाली।
सुबह होते ही लग्जरी लाइफ की याद आई। घुटनों में दर्द की बात कहकर जेल प्रशासन से कमोड वाले वॉशरूम की मांग कर दी। उसके बाद उन्होंने खुद की तबीयत को खराब बताया। आईएएस अधिकारी को तत्काल बेऊर जेल के अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जांच के दौरान उनकी बीपी थोड़ी बढ़ी हुई मिली। तत्काल उन्हें दवाई दे दी गई। शनिवार को ठीक सुबह उनकी पत्नी बेऊर जेल मिलने पहुंची। संजीव हंस ने एक और मांग रख दी। जेल प्रशासन ने उसे मानने से इनकार कर दिया।
संजीव हंस ने घर से खाना मंगाने की इजाजत मांगी। जेल प्रशासन ने बाकी कैदियों का हवाला देते हुए और एक सामान ट्रीटमेंट की बात कहते हुए घर का खाना अंदर जाने से मना कर दिया। वहीं दूसरी ओर इसी दिन यानी शनिवार रात को ईडी के अधिकारी बेऊर जेल पहुंचे। सवा नौ बजे के आस- पास आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के जेल पहुंचने के बाद उन्हें आमद वार्ड में रखा गया। ध्यान रहे कि ईडी ने शुक्रवार को की गई ताजा छापेमारी के बाद संजीव हंस और गुलाब यादव को गिरफ्तार किया था।
शुक्रवार को हुई तलाशी के दौरान ईडी को बिहार ऊर्जा विभाग में टेंडर घोटाले में हंस की संलिप्तता का पता चला, उस समय वह विभाग में प्रधान सचिव थे। मामले से परिचित ईडी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि हंस को पटना में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया और 29 अक्टूबर तक बेऊर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। संभवतः दिवाली भी जेल में ही कटने वाली है। एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) द्वारा हंस की पत्नी, पिता, साले, ससुर और एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित 13 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) पर आधारित है।
यह मामला ईडी के निर्देश पर दर्ज किया गया था, जिसने पहले उनसे जुड़े कई स्थानों पर तलाशी ली थी। हंस और यादव पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक वकील को सरकारी पैनल में पद दिलाने में मदद करने के बहाने उसका यौन शोषण करने का भी आरोप लगाया गया था, लेकिन अगस्त में पटना उच्च न्यायालय ने मामला खारिज कर दिया था। जांच के दौरान ईडी को पता चला कि हंस और यादव की पत्नियों के पास पुणे में एक सीएनजी पेट्रोल पंप और एक टायर फैक्ट्री है। संजीव का परिवार दिल्ली में बिहार के ठेकेदार प्रवीण चौधरी के फ्लैट में रहता है।
अधिकारी ने यह भी खुलासा किया कि हंस ने कथित तौर पर अपने विभागीय मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाहों के नाम पर धन एकत्र किया था। पंजाब के मूल निवासी हंस राज्य ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव थे, लेकिन इस मामले में ईडी द्वारा पहले दौर की छापेमारी के बाद अगस्त में उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि झंझारपुर से राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव हंस के करीबी सहयोगी थे।
पिछले महीने ईडी ने आईएएस हंस के सहयोगियों के परिसरों पर और तलाशी ली, जिनके साथ उनके वित्तीय लेन-देन थे। 10 सितंबर से 12 सितंबर के बीच दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी अभियान के दौरान 87 लाख रुपये की अघोषित नकदी , लगभग 11 लाख रुपये मूल्य की 13 किलोग्राम चांदी और 1.5 करोड़ रुपये मूल्य के 2 किलोग्राम सोने के सिक्के और आभूषण जब्त किए गए। उपरोक्त के अतिरिक्त, हवाला लेनदेन या बैंकिंग लेनदेन के विवरण वाले विभिन्न आपत्तिजनक साक्ष्य (भौतिक/डिजिटल) भी बरामद किए गए।