ऐसे कैसे होगी दुनिया में शांति ?

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Police officers and people gather at the site amid the debris after a bomb blast at a railway station in Quetta, Pakistan November 9, 2024. REUTERS/Naseer Ahmed TPX IMAGES OF THE DAY
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चरण सिंह 
दुनिया में एक ओर जहां आतंकी संगठन फल फूल रहे हैं वहीं दुनिया के शासक अमन चैन और शांति के बजाय हथियारों की होड़ पर ज्यादा फोकस कर रहे। दुनिया के शक्तिशाली देश विकासशील देशों को तो शांति का उपदेश दे रहे हैं पर खुद एक बड़ा हथियार रखना चाहते हैं। कहना गलत न होगा कि पूरी की पूरी मानव जाति पर ही खतरा मंडरा रहा है। सब कुछ हो रहा है पर मानवता पर काम करने को कोई तैयार नहीं। आज की तारीख में देश और समाज की चिंता करने वालों को मूर्ख और जाति धर्म के नाम पर कट्टरता बरतने वाले लोगों को नेता समझा जा रहा है। अपराधी और गुंडों को नायक बनाने की एक परिपाटी चल निकली है। जो डील नेताओं पार्टियों में हुआ करती थी वही डील अब देशों में होने लगी है। भारत और चीन की लद्दाख पर 2020 वाली स्थिति इसलिए बनी क्योंकि रूस ने भारत को चीन के ताइवान वाले मामले पर तटस्थ वाली स्थिति के लिए तैयार कर लिया। इस तरह के समझौते हर देश में हो रहे हैं। दुनिया के दादा के रूप में जाने जाने वाले अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही दुनिया में शांति लाने की बात की। क्या उनकी बात का दुनिया पर कोई असर हुआ ? क्या रूस और यूक्रेन युद्ध पर कोई असर हुआ ? क्या इस्राइल और ईरान के रुख पर कोई असर पड़ा। ऊपर से पाकिस्तान के क्वेटा में बड़ा हमला और हो गया। दरअसल क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सुसाइड अटैक हुआ है, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए। मतलब मरने वालों की संख्या और बढ़ेगी। मरने वालों में 14 सैनिक भी बताये जा रहे हैं। दरअसल पूरी दुनिया बारूद के भंडार पर बैठी है। हर देश का दूसरे देश और हर नागरिक का किसी व्यक्ति से किसी न किसी बात को लेकर तनाव है। खुशहाली, अमन, चैन, संयम जैसे  शब्द समाज के खत्म होते जा रहे हैं। आदमी सब कुछ कर रहा है पर अपने के लिए काम करने का उसके पास समय नहीं। मानवता पर कुछ काम नहीं हो रहा है। दुनिया के तमाम संगठन हैं जिनका काम दुनिया में अमन चैन बनाए रखना है पर ये संगठन भी पावर और पैसे से प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। रूस और यूक्रेन का युद्ध, इजराइल फिलिस्तीन और ईरान का युद्ध। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव क्या शांति होने देगा ?दुनिया में जहां मानव तस्करी का धंधा बढ़ रहा है वहीं बिना जरूरत के लोगों की सर्जरी कर दी जा रही है। एक दूसरे के देशों के कूटनीतिक प्रयास देश के लिए कम और व्यक्तिगत ज्यादा हो गये हैं। दुनिया में सत्ता का जो खेल चल रहा है उसमें समाज हित कहीं न कहीं दूर चला जा रहा है। मानव जाति की भलाई के लिए वे कदम नहीं उठाये जा रहे हैं जिनकी जरूरत दुनिया को है। कोरोना काल के बाद हार्ट अटैक के बाद भले ही दूसरे देशों में इतने मामले देखने को न मिले हों पर भारत में बच्चों को भी हार्ट अटैक आ जा रहा है। इन सब परिस्थितियों में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक न होकर दूसरों से ईर्ष्या के चक्कर में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जा रहा है।

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