How To Get Rid of Diabetes : मधुमेह (DIABETES) – ज्योतिषीय विश्लेषण और उपाय
How to Get rid of Diabetes (मधुमेह, डायबिटीज) – एक ऐसी बीमारी है जो हर वर्ग के व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले रहा है। वैसे तो योग, कसरत के साथ ही नियमित दिनचर्या से डायबिटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है पर ज्योतिषी विश्लेषण से भी इसे काबू किया जा सकता है। कुंडली से इस रोग के होने की संभावना जब दिख जाये तो क्या करें की इसके प्रकोप से बच सकें| कौन सा उपाय अपनाएं कि यह काबू में रहे| आइये जानें How to Get rid of Diabetes-
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जानिए Diabetes ko kaise khatam kare?
1 . भोजन करने के बाद सूर्य स्वर चले , तत्पश्चात चंद्र स्वर यह सुनिश्चित करें| सूर्य स्वर अर्थात दायीं नासिका से चलने वाली स्वास और चंद्र स्वर अर्थात बायीं नासिका से चलने वाली स्वास| ऐसा करने से शरीर में अनियंत्रित रक्तचाप नियंत्रित होने लगेगा और हम इस रोग से मुक्त होंगे |
2 . ‘ॐ’ और ‘राम’ मंत्र का नियमित सस्वर पाठ करें| इनका पाठ शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होता है| मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा कम पाई जाती है|
इन मंत्रों के जाप से शरीर में निष्क्रिय अवस्था में उपस्थित इन्सुलिन सक्रिय होने लगता है| ‘ॐ’ और ‘राम’ के जाप के समय यह ध्यान रखें कि इसको जपते वक़्त हमिंग ध्वनि हो-ममममममम |
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साथ ही साथ इनका उच्चारण ‘अनुस्वर’ में किया जाये| अन्य वाणी का प्रयोग इस मंत्र से होने वाले लाभ को हानि में परिवर्तित कर देगा|
3 .शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढे इसके लिए भ्रामरी प्राणायाम करें|
4 .अपने खान पान की आदतों में सुधार के साथ साथ समय पर सोने और समय पर जागने की आदत बनाएं
5 . चीनी और मैदा से बनी चीजों के अलावा धूम्रपान, मिठाई, ग्लूकोज, मुरब्बा, गुड़, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री, को न कहें| जंक फ़ूड और डब्बाबंद भोज्य पदार्थों से जितनी दूरी बना सकते हैं बनाएं
6 . नियमित सैर को अपना संगी बनाएं |
इस प्रकार के छोटे छोटे लेकिन असरकारी उपायों को अपना कर, अपनी दिनचर्या को सुधारकर, तो यहाँ हमने आपको बताया कि Diabetes ko kaise khatam kare.
Diabetes ke Lakshan kya hai?
जिंदगी के सफर में हमारी रफ़्तार इतनी तेज होती है कि, कब यह रोग हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है, हम जान ही नहीं पाते|तो आगे बढ़ने से पहले जानिये कि Diabetes ke Lakshan kya hai-हमें भूख या तो खूब लगने लगती है या भूख ही नहीं लगती। प्यास बहुत लगने लगती है। शरीर का वजन या तो बढ़ने लगता है या कम होने लगता है| बार बार पेशाब आने लगता है| लगातार कमजोरी और थकावट महसूस होने लगता है| घाव भरने में ज्यादा वक़्त लगता है| चीजें धुंधली नज़र आने लगती है| त्वचा संक्रमित होने लगती है और त्वचा में खुजली होने लगती है | मधुमेह में रोगी के खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाती है|
हम जो खाना खाते हैं वह पेट में जाकर ऊर्जा( glucose ) में परिवर्तित होता है | इस ऊर्जा को शरीर के तमाम अंग प्रत्यंगों तक पहुँचाने का कार्य तभी संभव है जब हमारा अग्न्याशय ( pancreas ) पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन तैयार करे और वह इन्सुलिन सक्रिय हो| बिना इंसुलिन के, ग्लूकोज़ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर सकता है | जब यह प्रक्रिया सामान्य रूप से नहीं हो पाती तो व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित (diabetes) हो जाता है| इस तरह का शारीरिक लक्षण जब प्रकट होता है तब हम चिकित्सक के पास जाते हैं | वहां बहुत सारे जांच के बाद वह हमें बता पाता है कि हम मधुमेह के शिकार हो चुके हैं|
चिकित्सक के पास ऐसा कोई टूलकिट नहीं होता या जाँच कि ऐसी कोई विधि नहीं होती जहाँ वह समय के पूर्व व्यक्ति को बता पाए कि -सावधान हो जाइये, आप मधुमेह, डाइबिटीज के शिकार हो सकते हैं|
डाइबिटीज दो प्रकार का होता है| पहली स्थिति में व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन का निर्माण ही नहीं होता| दूसरी स्थिति में, इन्सुलिन का निर्माण तो होता है किन्तु वह निष्क्रिय अवस्था में रहता है (type 2 diabetes symptoms in hindi)| इसको सक्रिय अवस्था में लाने के लिए इस पर बाह्य बल लगाना पड़ता है| पहली स्थिति बहुत ही कम व्यक्तियों में पायी जाती है| 90 से 95 प्रतिशत व्यक्ति दूसरे प्रकार के मधुमेह से पीड़ित पाए जाते है। कभी-कभी यह ऐसी महिलाओं को भी होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी डायबिटीज ना हुआ हो| ऐसा गर्भावस्था के दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता है|
इस रोग से शरीर के ग्रसित हो जाने के बाद चिकित्सक बता पाते हैं, परन्तु ज्योतिष के माध्यम से समय से काफी पहले इस रोग की जानकारी मिल जाती है| देश, काल और पात्र के साथ कुंडली के सूक्ष्म विश्लेषण द्वारा बड़ी आसानी से जाना जा सकता है कि जीवन के किस अवस्था में यह रोग होगा|
ज्योतिष की नजर से डायबिटीज : चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में मधुमेह का उल्लेख मिलता है| ‘स्थूल प्रमेही बलवानहि एक: कृक्षरतथेव परिदुर्वलक्ष्य। संवृहणंतम कृशस्य कार्यम् संशोधन दोष बलाधिकस्य।।‘ फलदीपिका के अनुसार – “पाण्डुश्लेष्ममत्प्रकोपनयनव्यापत्प्रमेहामयात्’’
- कुंडली का पंचम भाव, पंचमेश के साथ यदि चन्द्रमा और बुध भी पीड़ित है तो तनाव की वजह से इस रोग के होने की संभावना बन जाती है|
2 . इसके साथ यदि गुरु भी पीड़ित है, जल तत्व राशि में है, तो आपका बढ़ता हुआ वजन इस रोग को आमंत्रित करने वाला होगा|
3 . राहु से द्वितीय भाव और द्वितीयेश यदि पीड़ित है तो अनियंत्रित भोजन करने से, जंक फ़ूड खाने की वजह से यह रोग शरीर में अपना जड़ जमा सकता है|
4 . चंद्र यदि शुक्र, मंगल, सूर्य के साथ हो तो डायबिटीज होने की प्रबल संभावना होती है।
5 . गुरु और शनि की युति यदि सामान अंशों पर हो रही हो तो मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है|
6 . शनि और चन्द्रमा का संबंध यदि कर्क राशि में बने तो यह योग इस रोग को देने वाले होते हैं|
7 . सिंह राशि और वृश्चिक राशि का पीड़ित होना इस रोग को पनपने में उर्वरक भूमि का काम करते हैं|
8 . सामान्य तौर पर देखा गया है कि मधुमेह के बिगड़ जाने पर किडनी को सर्वाधिक नुकसान होता है। ऐसे में कुंडली के अष्टम भाव का सूक्ष्म परिक्षण करना चाहिए| अष्टम, अष्टमेश यदि पीड़ित है और दशा से भी इसका सम्बन्ध आनेवाला हो तो यह खतरे का सूचक है| यह इस बात का संकेत देता है कि मधुमेह की वजह से आपकी किडनी प्रभावित हो सकती है|
9 . अगर कुंडली में शुक्र छठे भाव में हो और गुरु 12वें भाव में हो तो व्यक्ति को मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
10 . उपर्युक्त योगों के साथ साथ कुंडली में यदि शुक्र भी पीड़ित है तो चलने वाली दशाओं का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया जाना चाहिए, क्योंकि ज्योतिष में शुक्र को मधुमेह का कारक माना गया है। उम्र के जिस मोड़ पर इन योगों से सम्बंधित दशा मिलेगी वह दशा यह रोग देने वाली दशा होगी| इस प्रकार यदि समय से काफी पहले यदि हमें इसकी जानकारी हो जाये तो डॉक्टर के पास जाने का चक्कर तो बचेगा ही, हमारा मेडिकल बिल भी शून्य हो जायेगा|
दरअसल National Noncommunicable Disease Monitoring Survey (NNMS), के सर्वे के अनुसार, भारत में वर्ष 2025 तक इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या करीब 69.9 मिलियन हो जाएगी |
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार विश्व के 537 मिलियन व्यक्तिजो ईस रोग से संक्रमित और इसके लक्षण (diabetes ke lakshan ) होंगे के शिकार होंगे | प्रतिवर्ष 4 मिलियन व्यक्तियों की इस रोग की वजह से मृत्यु हो जाती है| दरअसल 1990 के बाद यह रोग लगातार रफ़्तार पकड़ रहा है। बड़े तो बड़े बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं| धीरे धीरे स्थिति यह हो गयी कि भारत को मधुमेह रोग की राजधानी कहा जाने लगा| सम्पूर्ण विश्व को आरोग्य का पाठ पढ़ाने वाले देश भारत को जब मधुमेह की राजधानी कहा जाने लगे तो स्थिति की भयावहता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है| इस रोग के प्रसार को देखते हुए इसकी रोकथाम के लिए अविलंब त्वरित कार्रवाई किये जाने की जरूरत है|
आज की इस भागमभाग वाली जिंदगी में बदलती हुई जीवनचर्या, इस बीमारी के लिए उपयुक्त भूमि तैयार कर रही है। अनियमित दिनचर्या इस बीमारी को तब और हवा दे देती है जब इसके साथ ‘चिंता’ और ‘तनाव’ भी जुड़ जाता है| हर कुछ फटाफट पा लेने की होड़ में हम समय पर खाना-पीना, समय पर सोना, समय पर जागना जैसे महत्वपूर्ण चर्या से दूर जाने लगते हैं| धीरे-धीरे शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है| बिगड़ती जीवनशैली, अनियंत्रित खानपान, काम का दबाव, तनाव, अत्यधिक फास्टफूड का सेवन जैसे अनेक कारण होते हैं। शरीर में कार्बोहाइड्रेट के संतुलन के अनियंत्रित ( metabolic disorder ) हो जाने की वजह से, इंसुलिन की मात्रा कम होने या अनियंत्रित हो जाने की वजह से इस रोग का शरीर में प्रवेश होता है|
आज का दौर ऐसा है कि डायबिटीज महामारी का रूप लेती जा रही है। डायबिटीज ऐसी बीमारी है कि जो हर बीमारी को दावत देती है। यह बीमारी आदमी को दीमक की तरह चाटने लगती है। मतलब यदि स्वस्थ रहना है और खानपान सही रखना है तो डायबिटीज से बचने के उपाय ढूंढने ही होंगे। आदमी को कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी तरह से तनाव से दूर रहें। दिनचर्या को नियमित बनाएं। शाम को जल्दी सोएं और जल्दी उठ जाएं (How to Get rid of Diabetes)। नियमित रूप से व्यायाम की आदत डालें।
– बी कृष्णा नारायण