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Home Remedies for Heart Attack : हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है अदरक, लहसुन, नींबू और सिरके का सेवन!

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Home Remedies for Heart Attack: व्यायाम और घरेलू उपचार से कम होता है कोलस्ट्राल 

Home Remedies for Heart Attack:आज की तारीख में देश में हार्ट अटैक के मामले बड़े स्तर पर हो रहे हैं। देखने में आया है कि अधिकतर मौतें कोलस्ट्रोल के बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या कोलस्ट्रोल बढ़ने का पता नहीं चलता है क्या ? हम लोग खुद भी जानते हैं कि खुद हमारे घर में ऐसे कई लोग होते हैं जिनका वजन और कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ होता है।

नियमित व्ययाम करने और किचन में रखने सामान से काफी हद तक हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। काली मिर्च, धनिया, हल्दी (Home Remedies for Heart Attack ) के सेवन से काफी हद तक हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है।

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भारतीय मरीजों को ठग रही हैं अमेरिकी कंपनियां : आज की भागदौड़ की जिंदगी और खानपान के चलते हार्ट संबंधी बीमारियां लोगों के शरीर में घर कर गई हैं। इसी का फायदा उठाकर अमेरिका की कईं बड़ी-बड़ी कंपनियां देश में दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं ! दिल के रोगियों के साथ यह बात है कि अगर  थोड़ी श भी दिल संबंधी दिक्कत हुई तो डॉक्टर तुरंत कह देता है कि एन्जीओप्लास्टी करवाओ। दरअसल इस ऑपरेशन में डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।

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बताया जाता है कि यह stent अमेरिका में बनता है और इसकी कीमत मात्र  सिर्फ 3 डॉलर मतलब 150-180 रूपए के बीच बताई जाती है। हमारे देश में इस stent को 3-5 लाख रुपए में बेचा जाता है। मतलब ये कंपनियां भारतीय मरीजों को लूट रही हैं। इस तरह की भी खबरें भी मिलती हैं कि यहां की काफी डॉक्टरों को इसका लाखों रुपए का कमीशन मिलता है। इसलिए डॉक्टर angioplasty पर जोर देते हैं। डॉक्टर, जो spring दिल की नली में डालते हैं, वह pen की spring की तरह होती है। देखने में आता है कि कुछ ही महीनों में उस spring की दोनों साइडों पर blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है। इसके बाद फिर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

 

दिल संबंधी बीमारी बढ़ने पर डॉक्टर फिर से angioplasty करवाने पर जोर देता है। फिर हार्ट के नाम पर लूटने का दौर चलता है।  ऐसे में प्रश्न उठता है कि तो फिर दिल के मरीज क्या करें ?  डॉक्टरों का खुद का कहना है कि गाढ़ा खून होने की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। ऐसे में खून पतला कैसे रहें, इसके उपाय करने स चाहिए।

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Ayurvedic Medicines for Heart Diseases

आयुर्वेदिक दवा से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम किया जा सकता है। यहां पर कुछ आयुर्वेदिक दवाएं हैं(Ayurvedic Medicines for Heart Diseases) जिसने हार्ट अटैक(Heart Attack)का खतरा कम किया जा सकता है। सुबह, शाम और दोपहर को पिष्टी 10 ग्राम, मोती पिष्टी 4 ग्राम, जहरमोहरा पिष्टी 10 ग्राम हृघामृत 2-2 गोली लेने से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम किया जा सकता है।

सुबह-दोपहर-शाम रोज लें। खाने के बाद हृघामृत का सेवन करें। इससे हार्ट के ब्लॉकेज दूर होते हैं। संगेयसव पिष्टी 10 ग्राम,  योगेंद्र रस 1 ग्राम सभी आयुर्वेदिक तत्वों(Ayurvedic Medicines for Heart Diseases) को मिलाकर नियमित रूप से लें। सुबह-शाम एक एक गोली लेने से बीपी काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। खाली पेट मुक्ता वटी की दो गोली, खाने के बाद मेधावटी  सुबह-शाम 2 गोली, अश्वगंधा सुबह-शाम एक-एक लेने से भी हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है।

 
अदरक (ginger juice)  का जूस पीने से खून पतला होता है। अदरक के सेवन से दिल के दर्द को प्राकृतिक (Ayurvedic Treatment for Heart Attack) तरीके से 90 फीसद कम किया जा सकता है।  लहसुन (garlic juice) में मौजूद तत्व  cholesterol व BP को कम करते हैं। हार्ट ब्लॉकेज को खोलते हैं। नींबू (lemon juice) के सेवन से भी हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। नींबू में मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।
एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) में 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं। हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए एक कप नींबू, एक कप अदरक, एक कप लहसुन, एक कप एप्पल के सिरके का रस लें। इन सभी तत्वों (Ayurvedic Medicines) का नियमित रूप से इस्तेमाल करके अपने ह्रदय रोग(Heart Attack/disease) का उपचार कर सकते हैं  यह आपका औपचारिक तरीके  से आराम दिलाएगा (Ayurvedic Treatment for Heart Attack)। चारों को मिला कर धीमीं आंच पर तब तक गरम करें जब यह 3 कप रह जाए। बाद में उसे ठण्डा कर लें। अब इसमें 3 कप शहद मिला लें। दवा के रूप में इसे रोज 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें। रोज इसके सेवन से नसों का ब्लॉकेज न केवल काम होगा बल्कि खत्म भी हो जाएगा।
अक्सर देखने को मिलता है कि चूंकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले ही होते हैं। बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। वे बेहोश होने लगते हैं और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स ही होते हैं। ऐसे हालत में पीड़ित जोर-जोर से खांस  कर खुद को सामान्य रख सकता है। पीड़ित को एक जोर की सांस लेनी चाहिए। हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो कि छाती से थूक निकले। जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड़कन सामान्य हो जाए ।
जोर की सांसें फेफड़ों में ऑक्सीजन पैदा करती है। जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है, जिससे रक्त संचालन नियमित रूप से चलता है। यह था आज का ब्लॉग जिसमें हमने आपको बताया कि(Home Remedies for Heart Attack)कैसे अपने ह्रदय रोग को नियंत्रित का सकते हैं।
– चरण सिंह राजपूत