High Inflation Rate in India : पिछले दिनों को याद कर किसी से भी भिड़ जा रहा है
घटती आय और बढ़ती महंगाई High Inflation Rate in India से आम आदमी इतना झुंझलाया हुआ है कि वह जरा-जरा सी बात पर लड़ने-झगड़ने को तैयार हो जाता है। चाहे ऑफिस हो, स्कूल हो, चौपाल हो, घर हो या फिर को सार्वजनिक स्थल अक्सर देखने को मिलता है कि जरा-जरा सी बातों को लेकर बहस हो जाती है। कई बार बहस लड़ाई झगड़े में भी तब्दील हो जाती है। रोड रोज के मामले भी बढ़ रहे हैं। गृह क्लेश बढ़ रहे हैं।
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वजह कुछ भी हो पर आज के दौर में काम धंधे बहुत प्रभावित हुए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हों पर लोग परेशान हैं। आईए आपको एक मामला लोगों की परेशानी का बताते हैं। दरअसल मामला एक टेम्पो का है। टैम्पो में भूसे की तरह सवारियां भरने के चल रहे प्रचलन से तो हर कोई वाकिफ है ही। बात नोएडा सेक्टर 15 मेट्रो से चलते वाले एक टैम्पो की है। इस टेम्पो में भीड़ होने की वजह से दो सज्जनों को ड्राईवर के आजु-बाजु वाली सीट पर बैठना पड़ा तो जगह कम होने की वजह से ड्राइवर और उसके दोनों ओर बैठे सज्जनों में बहस हो गई। उन सज्जन में सादी वर्दी में एक पुलिस वाला था तो एक व्यक्ति ऐसा था जिसका ठीक-ठाक कारोबार था पर कोरोना काल में वह सड़क पर आ गया था।
टेम्पो चला रहे व्यक्ति का भी कुछ इसी तरह की हालत थी। बहस टैम्पो में बैठने को लेकर शुरू हुई थी। एक सज्जन बोला कि वह पुलिस वाला है पर उसके दिन खराब हैं इसलिए उसे टैम्पो में सवारी करनी पड़ रही है। ड्राइवर बोला कि मेरी नौकरी चली गई और ऊपर से Highest Inflation in India परेशान हूं, नहीं तो मुझे पुलिस वाले सलाम करते थे पर टेम्पो चलाने पड़ रहा है। ड्राइवर के बगल में बैठा तीसरा व्यक्ति बोला कि वह लग्जरी गाड़ियों में घूमा करता था पर उसे टेम्पो में चल रहा है। पिछली सीट पर बैठा एक गार्ड अग्निपथ योजना पर उंगली उठाने लगा। आगजनी, तोड़फोड़ को सही ठहराते हुए वह प्रधानमंत्री के निर्णयों को लेकर अपनी भड़ास निकालने लगा।
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हालांकि एक सज्जन ने आंदोलन में हिंसा न होने की बात कहकर उन्हें समझाने की कोशिश की पर वह मानने को तैयार नहीं था। इस वार्तालाप को मैं चुपचाप बैठकर सुन रहा था। मुझे लगा कि इन लोगों की बहस कहीं मारपीट तक न पहुंच जाये तो मैंने इन लोगों को शांत कराया। हालांकि सोच तो मैं भी रहा था कि यह समव का ही तकाजा है कि मुझे भी टेम्पो में भी चलना पड़ रहा है।
दरअसल यह जो टेम्पो में चला रहा था वह लोगों के काम धंधे प्रभावित होने की वजह से उनकी भड़ास निकल रही थी। आज की तारीख में लोगों के सामने सबसे बड़ी परेशानी Highest Inflation in India और कम हो रही आय है। कोरोना काल में बड़े स्तर पर न केवल लोगों की नौकरियां गईं बल्कि लोगों के कामधंधे भी चौपट हो गये। देश में ऐसा माहौल बन गया है कि रोजी रोटी पर बहस होने के बजाय हिन्दू-मुस्लिम पर हो रही है।
केंद्र सरकार सेना में भर्ती भी लाई तो वह भी संविदा पर 4 साल के लिए। दरअसल देश में खुदरा महंगाई दर 7.79 पर पहुंच गई है। यह आठ साल में सबसे ऊंचा स्तर है। मई का लगातार चौथा महीना रहा कि जब महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर रही। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है।
ज्ञात हो कि आरबीआई की निरंतर कोशिश रहती है कि देश में खुदरा महंगाई छह प्रतिशत से ऊपर न जाये पाए। लोगों के सामने यही बड़ी समस्या है कि जहां उनके वेतन में कटौती हो गई, उनकी नौकरी चली गई, जहां खुदरा व्यापारियों के सेल कम हो गई। काम धंधा ठप्प हो गया वहीं Badhti hui Mehangai उनकी कमर तोड़ रही है। महंगाई का क्या आलम है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल की तुलना में इस बार बड़ा उछाल आया है। अप्रैल 2021 में महंगाई दर 4.23 प्रतिशत थी और इस साल महीने में 7.68 प्रतिशत थी.
यह चिंता की बात है कि दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली लगभग हर चीज में उछाल आया है। खाने के तेल के दाम एक महीने में 17.28 प्रतिशत बढ़ गए हैं। सब्जियों के दाम 15.41 प्रतिशत बढ़ गए। मसालों के दाम 10.56 प्रतिशत बढ़ गए और मांस मछली के दाम 6.97 प्रतिशत बढ़ गए। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ईंधन के दाम 10.80 प्रतिशत बढ़ गए हैं। कपड़ों और जूतें चप्पलों के दाम भी 9.85 प्रतिशत बढ़ गए हैं। फलों के दाम भी 4.99 प्रतिशत बढ़ गए हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों के दाम 7.21 प्रतिशत बढ़ गए और यातायात और संचार से जुड़ी चीजों के दाम 10.21 प्रतिशत बढ़ गए। यह Badhti hui Mehangai ही है जिसने लोगों को परेशान कर रखा है।
यह High Inflation Rate in India ही है कि लोगों का खान पान प्रभावित हो रहा है। लोग अपने बच्चों को दूध तो क्या पौष्टिक आहार भी नहीं दे पा रहे हैं। सरकार द्वारा लोगों की भलाई के कितने भी दावे किये जा रहे हों पर जमीनी हकीकत यह है कि खुशहाली के मामले में हम लोग लगातार पिछड़ रहे हैं। लोग कितने भी दिखावा कर लें पर उनके शरीर में घर कर चुकी विभिन्न बीमारियां उनकी हालत बयां कर रही हैं