
-महाष्ठमी की रात बहती रही स्वर लहरी
-भजन संध्या में बही भक्ति की बयार
रामजी कुमार, समस्तीपुर।
पूसा प्रखंड स्थित महाकवि विद्यापति की कर्मस्थली ओईनी डीह में चैती दुर्गा स्थान पर महाष्ठमी के पावन अवसर पर आयोजित भजन संध्या में भक्ति और संगीत का ऐसा संगम देखने को मिला कि श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे। “गाइये गणपति जगबंदन”, “जय जय भैरवि असुर भयाउनी”, “जगदम्ब अहीं अवलंब हमर”, “हे माई अहां बिनु आस केकर” जैसे भावपूर्ण गीतों ने संपूर्ण वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
इस विशेष भजन संध्या में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के प्रसिद्ध कलाकार श्याम मोहन मिश्र और सुविख्यात तबला वादक बैजू भाई ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्ति, लोक और श्रृंगारिक गीतों की मनमोहक प्रस्तुति के दौरान तालियों की गूंज से पूजा पंडाल बार-बार गूंजता रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री मिश्र के लहरा और बैजू भाई के एकल तबला वादन से हुआ। इससे पूर्व कलाकारों का पारंपरिक स्वागत तिलक, अंगवस्त्र एवं पुष्पों से किया गया।
भजन संध्या का आयोजन चैती दुर्गा पूजा समिति के प्रथम अध्यक्ष रमेश कुमार झा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर पूजा समिति के अध्यक्ष धनन्जय कुमार झा सहित उदय कुमार चौधरी, सचिन जायसवाल, शुभम जायसवाल, राकेश ठाकुर, धीरेन्द्र मोहन कात्यायन, रवि कुमार विकास, चंदन झा, पंकज झा, बैद्यनाथ भगत, सुशांत कुमार, वैभव कुमार, चुलबुल कुमार, सन्त सुमन, पांचू पासवान, सहदेव पासवान, मुनी पासवान, सुधांशु कुमार भगत, श्याम कुमार सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
भक्ति रस में डूबी यह संध्या न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभूति रही, बल्कि क्षेत्र में सांस्कृतिक समरसता की भी एक सुंदर मिसाल बनी।