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रे भाई हमरा आग काहे लगाबइसे हम अभी जिंदा हती हमरा घरे ले चल।

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मुजफ्फरपुर: श्मशान घाट में हुआ ऐसा कुछ, जिसे देखकर लोगों के उड़े होश!

 मुजफ्फरपुर। बिहार में एक हैरान कर देने वाली घटना घटी। यहां एक युवक को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन वो श्मशान घाट में चिता पर जिंदा हो गया। इस घटना के बाद वहां मौजूद लोग डर के मारे भाग गए। परंतु कुछ लोगों ने साहस कर युवक को चिता से उतारा और फिर से मृतक के परिजनों ने उसे प्रभात तारा अस्पताल ले गए, जहां इलाज के क्रम में युवक की जान नहीं बचाई जा सकी।
घटना मुज़फ़्फ़रपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के माधोपुर की है। 22 वर्षीय मिट्ठू कुमार नामक युवक की तबीयत खराब हो गई थी। उसके हाथ-पैर में झुनझुनी हो रही थी। परिजनों ने उसे पहले एक ओझा के पास ले गए। ओझा ने झाड़-फूंक की और कहा कि अब वह ठीक हो जाएगा, चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ।
परिजनों ने मिट्ठू को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया। यहां डॉक्टर ने बताया कि उसे जोंडिस है। परिजनों ने मिट्ठू को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजन मिट्ठू के शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे। उन्होंने शव को चिता पर रख दिया। आग लगाने की तैयारी ही चल रही थी। मृतक के छोटे भाई की ओर से मुखाग्नि देने की तैयारी की जा रही थी, तभी अचानक मृतक के शरीर में हरकत होने लगी। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।
चिता पर लेटे मिट्ठू ने चीखते हुए कहा- रे भाई हमरा आग काहे लगाबइसे हम अभी जिंदा हती हमरा घरे ले चल।’ उसकी यह बातें सुनकर पहले कुछ लोग डर से भागे, फिर कई लोग चिता के पास आए। उन्होंने मिट्ठू को आनन-फानन में चिता से नीचे उतारा।
परिजनों ने फिर से उसे तुरंत प्रभात तारा अस्पताल ले गए। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है। वहीं पहली बार युवक को मृत घोषित करने वाले डॉक्टर पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग और मृतक के परिजनों का कहना है कि यदि डॉक्टर उचित तरीके से इलाज करते, तो युवक की जान बच सकती थी।