हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय : वायु प्रदूषण कम करने के लिए पराली से ईंट बनाने का आविष्कार

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक नया आविष्कार किया है। छात्रों ने अपने इस आविष्कार के तहत खेतों की पराली से ईंट का निर्माण किया है। खास बात यह है कि इंजीनियरिंग के छात्रों ने खेतों की पराली का इस्तेमाल करते हुए ऐसी ईंट का निर्माण किया है जो कि बेहद मजबूत, हल्की व किफायती है। फिलहाल पराली की इस ईंट की टेस्टिंग की प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में फसल काटने के बाद बचने वाली पराली को जला दिया जाता है। पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।

हालांकि अब हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा पराली से ईंट बनाने का जो आविष्कार किया गया है उससे पराली का सदुपयोग किया जा सकेगा। इससे वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी, साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ सकती है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पराली से ईंट बनाने के नए कारखाने और रोजगार भी विकसित होंगे।

पराली के कारण प्रदूषण की समस्या को देखते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के विद्यार्थियों ने एक ऐसी ईंट का निर्माण किया है जो कृषि अपशिष्ट व औद्योगिक अपशिष्ट के मिश्रण से बनी है।

विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी पीठ के अंतर्गत सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास गर्ग के मार्गदर्शन में तैयार इस ईंट को पराली संकट के एक उपयोगी निदान के तौर पर देखा जा रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस नई खोज के व्यावहारिक पक्षों को देखने के बाद अवश्य ही इसका उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के इस प्रयास को जनसरोकार के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करने वाला बताया।

विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास गर्ग ने बताया कि बी.टेक. सिविल इंजीनियरिंग में अंतिम वर्ष के विद्यार्थी रमेश बिश्नोई, शैलेश सिहाग और अक्षय कुमार ने अपने प्रोजेक्ट वर्क के अंतर्गत कृषि व औद्योगिक अपशिष्ट से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की समस्या को देखते हुए ऐसी ईंट का निर्माण किया है जो कि बेहद मजबूत हल्दी व किफायती है।

उन्होंने कहा कि पराली के जलने से होने वाली प्रदूषण की समस्या हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली के लिए हर साल चुनौती बनती है और इसका समाधान बेहद जरूरी है।

डॉ. विकास गर्ग ने कहा कि विद्यार्थियों के द्वारा तैयार उत्पाद इस दिशा में उपयोगी उपाय साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा निर्मित ईंट के व्यवसायिक उपयोग से संबंधित आवश्यक टेस्टिंग की प्रक्रिया जारी है और इसके पूर्ण होने के उपरांत इसके व्यावहारिक उपयोग हेतु प्रयास किए जायेंगे।

Related Posts

शब्द-संधान— भाषा की शुद्धता की साधना

किसी राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय अस्मिता…

Continue reading
Purbo Diganta फाउंडेशन की समाज सेवा की दिशा में एक प्रतिबद्ध पहल

Purbo Diganta Foundation की समाजसेवा की दिशा में…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

अन्याय के खिलाफ मैसर्स- बीएचईएल कम्पनी पर सीटू बैनर तले कर्मचारियों का धरना 43 वें दिन भी जारी रहा

  • By TN15
  • June 4, 2025
अन्याय के खिलाफ मैसर्स- बीएचईएल कम्पनी पर सीटू बैनर तले कर्मचारियों का धरना 43 वें दिन भी जारी रहा

पाकिस्तान पर दुनिया मेहरबान, भारत का दोस्त भी दे रहा पाक का साथ!

  • By TN15
  • June 4, 2025
पाकिस्तान पर दुनिया मेहरबान, भारत का दोस्त भी दे रहा पाक का साथ!

अखिलेश यादव ने बीजेपी के घावों पर छिड़का नमक!

  • By TN15
  • June 4, 2025
अखिलेश यादव ने बीजेपी के घावों पर छिड़का नमक!

सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वक्फ बोर्ड की याचिका, शाहदरा में गुरुद्वारे की जमीन पर किया था दावा! 

  • By TN15
  • June 4, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वक्फ बोर्ड की याचिका, शाहदरा में गुरुद्वारे की जमीन पर किया था दावा! 

कुख्यात सीरियल किलर का बेटा भी बन गया बड़ा अपराधी  

  • By TN15
  • June 4, 2025
कुख्यात सीरियल किलर का बेटा भी बन गया बड़ा अपराधी  

मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक, ऑपरेशन सिंदूर होगा मुख्य मुद्दा! 

  • By TN15
  • June 4, 2025
मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक, ऑपरेशन सिंदूर होगा मुख्य मुद्दा!