गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की धूमधाम से मनी 163वीं जयंती

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आशीष मिश्रा

पांडवेश्वर ,नोबेल शांति पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर की 163 वीं जयंती पांडवेश्वर और आसपास के क्षेत्रों में हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया,पांडवेश्वर क्षेत्रीय कार्यालय में महाप्रबंधक अजय कुमार शर्मा की उपस्थिति में गुरुदेव की जयंती मनाई गई,इस अवसर पर महाप्रबंधक ने रविंद्रनाथ टैगोर की चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किया ,इस अवसर पर महाप्रबंधक ने रविंद्रनाथ टैगोर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की रविंद्रनाथ टैगोर एक बंगाली कवि , लघु,कथाकार ,संगीतकार ,नाटककार ,उपन्यासकार,और चित्रकार बंगाली साहित्य में नए गद्य और पद्य रूप में और बोलचाल की भाषा लेकर आए और बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगदृष्टा थे ,वे एशिया के प्रथम नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति थे , वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएं दो देशों की राष्ट्रगान बनी ,भारत का राष्ट्र गान जन गण मन अधिनायक और बंगला देश का राष्ट्रिय गान आमार सोनार बांग्ला शामिल है ,इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक फनीद्रं सिंह ,क्षेत्रीय अभियंता हलधर रजक ,सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह , भूमि अधिकारी शतीश कुमार , सर्वेयर देवाशीष तिवारी,वित्त प्रबंधक समेत सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे,वही ध्रुपद नृत्य कला केन्द्र में भी गुरु देव की जयंती मनाई गई

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