नई दिल्ली, भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान ऑनलाइन गेमिंग का मुद्दा उठाया और सरकार से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने की मांग की। सुशील मोदी ने कहा, “इस उद्योग में तेजी आई है, युवाओं को इसके साथ जुड़ने और आदी होने के लिए आकर्षित किया है। ऑनलाइन गेमिंग पर बिताया गया स्क्रीन-टाइम प्री-कोविड समय में 2.5 घंटे से बढ़कर 4 घंटे हो गया है।
उन्होंने कहा कि उद्योग ने वित्त वर्ष 2011 में 43.3 करोड़ उपयोगकर्ताओं से 13,600 करोड़ रुपये कमाए और वित्त वर्ष 2015 में राजस्व 65.7 करोड़ उपयोगकर्ताओं से बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मोबाइल डाउनलोड की संख्या भी बढ़ी है।
उन्होंने कहा, “कुछ गेमिंग श्रेणियां जैसे रम्मी, पोकर, ब्रिज, फैंटेसी स्पोर्ट्स आदि विवादास्पद हैं, क्योंकि वे सट्टेबाजी/जुआ को प्रोत्साहित करते हैं। चूंकि इस तरह के खेलों में पैसा लगाया जाता है, इसलिए वे समस्याएं पैदा कर सकते हैं।”
भाजपा सांसद ने कहा कि युवा रोमांच के नशे की लत के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं और ये गेम ऑनलाइन हैं, इसलिए बच्चों को इनसे जुड़ने से रोकने का कोई प्रभावी तरीका नहीं है।
उन्होंने ‘कौशल बनाम मौका’ जैसे खेलों की ब्रांडिंग को भी हरी झंडी दिखाई।
सुशील मोदी ने कहा, “इन खेलों को ‘कौशल खेल’ के रूप में लेबल किया जाता है, लेकिन इन कौशल खेलों में भी निवेश की आवश्यकता होती है।”