किसान संघर्ष समिति की 288 वीं किसान पंचायत सम्पन्न
फल और सब्जियों की एमएसपी तय करे सरकार
किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा ज्ञापन
एम एस पी पर खरीद की कानून गारंटी और लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के दोषी मंत्री की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग को लेकर चलेगा आंदोलन
किसान संघर्ष समिति की 288 वीं किसान पंचायत किसंस के अध्यक्ष डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। किसान पंचायत में मध्यप्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने किसानों और मजदूरों की समस्याओं पर अपने विचार रखे तथा आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 380 दिन के लम्बे संघर्षों और 715 किसानों की शहादत के बाद तीनों काले कृषि कानून संसद द्वारा रद्द किए गए है। संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन ने किसानों को सम्मान दिलाया है लेकिन इसकी भारी कीमत किसानों ने चुकायी है। किसान आंदोलन ने फसलों की एमएसपी की मांग, आंदोलन के दौरान दर्ज हुए प्रकरणों को वापस लेने, पराली कानून में किसानों पर दण्ड के प्रावधानों को हटाने तथा बिजली संशोधन बिल वापस लेने आदि मांगों पर सरकार की सहमति के आधार पर फिलहाल आंदोलन स्थगित किया गया है, खत्म नहीं। यह किसान आंदोलन का प्रथम चरण था । एम एस पी पर खरीद की कानून गारंटी और लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के दोषी मंत्री की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग को लेकर आगे भी आंदोलन चलाया जाएगा तथा यूपी और उत्तराखंड मिशन के तहत इन्हीं मुद्दों को लेकर भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी ।
आज किसान पंचायत में निम्न प्रस्ताव पारित किए गए- सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम (सी 2+50%) पर खरीद की जाए, केरल की तर्ज पर सब्जी और फलों की एमएसपी पर खरीद का कानून बनाया जाए, सभी किसानों का कर्जा माफ किया जाए, धान, मक्का, सोयाबीन की एम एस पी पर शीघ्र खरीद शुरू की जाए, जंगली पशुओं से फसलों को बचाने के लिए किसानों को कटीले तार की फेंसिंग के लिए 75% अनुदान दिया जाए, बिजली बिल की अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए, प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए, कृषि लागत मूल्य कम करने हेतू सब्सिडी पर खाद, बीज, कीटनाशक, मशीनें तथा डीजल उप्लब्ध कराया जाए, सीधी- सिंगरौली में रेत की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए तथा आदिवासियों का विस्थापन बंद किया जाए, किसान 2 रूपये किलो में आलू बेचने को मजबूर है इसलिए आलू की एमएसपी पर खरीद की जाए, सिवनी जिले में माचागोरा बांध की मुख्य नहर कई जगहों से फूटनें के कारण बार बार बंद करने से किसानों की बोनी नही हो सकी है, जिन्होंने बोनी की है उनकी फसल सूखने की कगार पर है। माइनर केनाल निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है, जिसकी जांच कराई जाए इसी तरह रेलवे ब्राडगेज का काम सिवनी- छिंदवाड़ा के बीच बने ब्रिज बारिश में पानी से भर जाता हैं जिसके कारण आवागमन में स्थानीय लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है , इसकी जांच कराई जाए, किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाए।
उक्त समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
किसान पंचायत में शामिल किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि 12 जनवरी को 24 वें शहीद किसान स्मृति सम्मेलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने मुलताई पहुचेंगे।
किसान पंचायत को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ,भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष अनिल यादव, नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुकेश भगोरिया, सयुंक्त किसान मोर्चा रीवा के संयोजक एड शिवसिंह, सिवनी से किसान सभा के डीडी वासनिक, छतरपुर से किसान क्रांति के अध्यक्ष दिलीप शर्मा, राजगढ़ से भाकियू के जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह तोमर।
छिंदवाड़ा से किसंस की उपाध्यक्ष एड.आराधना भार्गव, इंदौर से किसान संघर्ष समिति के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, रीवा से किसान संघर्ष समिति के संयोजक इंद्रजीत सिंह शंखू , सिवनी से किसंस के संयोजक राजेश पटेल, सीधी-सिंगरौली के संयोजक निसार आलम अंसारी,सिवनी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया, ग्वालियर से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव एड रायसिंह, उपाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव, रायसेन से किसंस के प्रदेश सचिव श्री राम सेन, भोपाल से जिलाध्यक्ष एड.दीपक बुंदेले, सागर से किसंस के जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास, मंदसौर से जिलाध्यक्ष दिलीपसिंह पाटीदार, अलीराजपुर से जिलाध्यक्ष नवनीत मंडलोई, अशोक नगर के जिलाध्यक्ष एड महेन्द्र सिंह यादव, सिंगरौली के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह पैगाम, छिंदवाड़ा से वरिष्ठ किसान नेता सतीश जैन, किसंस के महामंत्री भागवत परिहार आदि ने संबोधित किया। किसान पंचायत का संचालन किसंस की उपाध्यक्ष एड आराधना भार्गव द्वारा किया गया।