पटना/जमुई। सितंबर अक्टूबर का महीना प्याज का पौधा तैयार करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। किसान रबी के मौसम में प्याज की खेती कर सकते हैं। हालांकि आम तौर पर खरीफ के मौसम में जून-जुलाई के महीने में प्याज की खेती की जाती है। लेकिन किसान रबी के मौसम में भी प्याज की खेती कर सकते हैं। इस सीजन में किसान प्याज का पौधा तैयार करके लगा सकते हैं।
रबी के मौसम में लगाया गया प्याज का बीज पौधे का रूप लेकर दिसंबर से जनवरी माह में खेत में लगाने के लायक हो जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि इस सीजन में किसान पूसा रतनार, अर्का कल्याण, एन-53 जैसी किस्म लगाकर बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्याज की गुणवत्ता बढ़ाने में सल्फर की अहम भूमिका होती है। प्याज में गंध मुख्य रूप से सल्फर युक्त डाईलिल डाईसल्फाइड के कारण होती है।एसएसपी की खाद सल्फर की भरपूर मात्रा प्रदान करती है जो प्याज के लिए बहुत ही लाभदायक है। प्याज की फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। फसल की गुणवत्ता और पीएच मान को बरकरार रखने के लिए खाद का सही सही इस्तेमाल आवश्यक है। रबी के सीजन में प्याज की फसल के लिए सही अनुपात में खाद का इस्तेमाल करने से बेहतर परिणाम मिलता है।
नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश का सही अनुपात में इस्तेमाल होना चाहिए। प्याज की अच्छी फसल के लिए अच्छे बीज का चयन भी आवश्यक है। खरीफ सीजन की अपेक्षा रबी सीजन में प्याज की उपज अधिक होती है। एसएसपी खाद प्याज की गुणवत्ता में सुधार बहुत ही जरूरी है।