वैशाली, मोहन कुमार सुधांशु।
लोदीपुर पंचायत के चैनपुर गांव स्थित मनोकामना सिद्ध संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हुआ, जहां प्रथम दिवस कथा मर्मज्ञ श्री छोटू बापूजी महाराज ने श्रद्धालुओं को भागवत ज्ञान का अमृतपान कराया।
उन्होंने कहा कि “श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य भगवान का प्रिय बन जाता है।” भागवत का अर्थ ही है — भगवान का हो जाना। यह कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का त्रिवेणी संगम है। जैसे प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती मिलती हैं, वैसे ही भागवत कथा में ये तीन तत्व मिलते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जब ज्ञान आता है तो मोह का नाश होता है, वैराग्य से दुःख मिटता है और भक्ति से आनंद की प्राप्ति होती है। यही भागवत का सार है — जो अंतःकरण से माया, मोह, दुःख को हर कर सच्चिदानंद का अनुभव कराता है।
महाराज ने सत्संग और कथा की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि ये दोनों दुर्लभ हैं और जीवन को दिशा देने वाले हैं। “कथा सब कुछ दे सकती है, लेकिन इसका मूल्य तब समझ में आता है जब शरीर असमर्थ हो जाता है,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम के दौरान अयोध्या से आए व्यास सियाराम दास जी महाराज के सुमधुर कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। वातावरण में भक्ति की भावनाएं झूम उठीं।
Leave a Reply