बिहार में ‘धर्म-कांटा’ पर टिका वोट बैंक
दीपक कुमार तिवारी। बिहार की राजनीति इन दिनों धर्म और ध्रुवीकरण के मुद्दों पर तेज होती दिख रही है। भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी पांच दिवसीय “हिन्दू स्वाभिमान यात्रा” के माध्यम से हिन्दुओं को ‘खतरे’ के प्रति सचेत किया, तो आरजेडी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर सख्त लहजे में बयान देकर माहौल को गरमा दिया। गिरिराज सिंह की यात्रा को जहां भाजपा के अंदरूनी समर्थन की कमी महसूस हुई, वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इसे अप्रासंगिक करार दिया। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया, जिससे उनके रुख पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान बिहार के सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठ और बदलती जनसंख्या संरचना को लेकर चिंता जताई। उन्होंने हिन्दू वोटरों को एकजुट करने के लिए त्रिशूल धारण कर तीखे बयान दिए। अररिया के सांसद प्रदीप सिंह ने भी इस यात्रा में उनके सुर में सुर मिलाया, हालांकि भाजपा ने इसे उनका निजी बयान बताया। दूसरी ओर, आरजेडी और उनके सहयोगियों ने गिरिराज की यात्रा का विरोध किया। तेजस्वी यादव ने इस यात्रा को दंगे भड़काने की साजिश करार दिया और ईंट से ईंट बजा देने की धमकी दी।