हिंदुत्व की राह पर गहलोत सरकार! देवस्थान में भागवत कथा का आयोजन, भाजपा ने साधा निशाना

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द न्यूज 15 

जयपुर। राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को टक्कर देने के लिए कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लेती नजर आ रही है। राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार भागवत कथा का आयोजन करवाएगी। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मानना है कि ऐसा कर वो अपनी प्रो-मुस्लिम छवि को कुंद करना चाहते हैं और अपनी नाकामियों से ध्यान हटाना चाहते हैं। जबकि सरकार का दावा है कि इससे शांति और सद्भावना बढ़ेगी।

शायद यह पहला मौका है जब राजस्थान सरकार का देवस्थान विभाग इस तरह सहभागिता कर रहा है और कथा का आयोजन हो रहा है। हफ्ते भर तक चलने वाली यह कथा 1 मार्च यानी महाशिवरात्री के दिन से शुरू हुई। यह कथा जयपुर के एक मंदिर में शुरू की गई है। विभाग के मंत्री खुद कलश यात्रा में शामिल होंगे।विभाग की मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि इस कथा का आयोजन राज्य की भलाई और समृद्धि के लिए किया गया है और ऐसे आयोजन भी होने चाहिए। यहां तक कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य का बजट पेश कर रहे थे उस वक्त भी उन्होंने राज्य में सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और शांति तथा सद्भावना के बारे में कहा था।

मंत्री ने कहा, ‘यह तो सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में सुंदर कांड, राम कथा और धार्मिक कार्यक्रम देवस्थान स्थित बड़े-बड़े मंदिरों में होंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि शायद यह पहला मौका है जब इस तरह के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इधर विपक्ष के दावों को लेकर रावत ने कहा कि कांग्रेस सभी धर्मों का आदर करने में विश्वास करती है।

उन्होंने कहा, ‘यह शुरुआत राजनीति से जुड़ी नहीं है बल्कि यह राज्य की शांति और समृद्धि के लिए है। भाजपा लोगों को हमेशा जाति और नाम के आधार पर बांटती है। नाम अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन शक्ति एक है।’ पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस अपनी नाकामियों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। भाजपा विधायक ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करा बीजेपी लोगों को लुभाना चाहती है लेकिन इसमें वो कामयाब नहीं हो पाएंगे क्योंकि वो उनकी नाकाम नीतियों के बारे में जान गए हैं। नंदीशाला हो या कोई अन्य मुद्दा वो सिर्फ अल्पसंख्यकों को महत्व देते हैं।

अब वो संतुलन बनाना चाहते हैं लेकिन उनकी आत्मा हिंदुओं के साथ नहीं है। इस नाटक की शुरुआत राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने विभिन्न मंदिरों में जाकर किया था।भाजपा के प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने कहा कि जो पार्टी भगवान राम और राम सेतु के अस्तित्व पर विश्वास नहीं कर रही थी लेकिन आज वो कथा आयोजित करवा रही है ताकि यह मैसेज दिया जा सके कि वो राम और धर्म पर विश्वास करती है। लेकिन सच्चाई यह है कि लोग कांग्रेस की संस्कृति और व्यवहार से वाकिफ हैं। वो जो कहते हैं और जो करते हैं उसमें काफी अंतर होता है। लोग उनके जाल में नहीं फसेंगे। राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा ने कहा कि यह भले ही पहला इवेंट नजर आ रहा है लेकिन हो सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लेकर लोगों की धारणा भी बदले। यह देखने की जरूरत है कि कांग्रेस इसे कब तक बरकरार रख पाती है।

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