गया :- बिहार के गया जिला में मशरूम उत्पादन का हब बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में एक नया नाम उभर कर सामने आया है – कंचन कुमारी। गया की रहने वाली कंचन कुमारी ने नई तकनीक का उपयोग कर मशरूम उत्पादन में सफलता हासिल की है और मशहूर हो गई हैं।
कचरे के डिब्बे और बाल्टी में मशरूम उत्पादन
कंचन कुमारी ने अपने घर में कचरे के डिब्बे और बाल्टियों का उपयोग कर मशरूम उत्पादन शुरू किया। इस प्रक्रिया से वह हर महीने 15 से 20 हजार रुपये की कमाई कर रही हैं। कंचन ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है।
महिला उद्यमियों को बना रही हैं आत्मनिर्भर
कंचन कुमारी न केवल अपने लिए बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनी हैं। वह महिला उद्यमियों को एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) का सदस्य भी बना रही हैं। इसके माध्यम से वह महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लिए बीज और सामग्री उपलब्ध कराती हैं।
बाजार में बेचने में भी कर रही मदद
कंचन का योगदान यहीं तक सीमित नहीं है। वह महिलाओं को उत्पादित मशरूम को बाजार में बेचने में भी मदद करती हैं। इस प्रकार, कंचन कुमारी न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा रही हैं। उनका यह प्रयास नारी सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है।
कंचन कुमारी की यह कहानी साबित करती है कि यदि ठान लिया जाए, तो किसी भी परिस्थिति में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनका यह योगदान न केवल गया जिला बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है।