पटना। बिहार, देश में सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वर्तमान में, यह राज्य सब्जी उत्पादन में चौथे स्थान पर है, जहाँ सब्जी की खेती 9.10 लाख हेक्टेयर में की जा रही है। इस क्षेत्र में बिहार की विशेषता इसकी विविधता और उत्पादन क्षमता है।
उत्पादन और उत्पादकता
बिहार में सब्जी का वार्षिक उत्पादन लगभग 175.63 लाख टन है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 19.30 टन है। यह आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि बिहार के किसान सब्जी उत्पादन में न केवल मात्रा में बल्कि गुणवत्ता में भी सक्षम हैं।
कुफरी चिप्सोना-1 का चयन
राज्य सरकार ने कुफरी चिप्सोना-1 आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की है। इस हेतु, औरंगाबाद, गया, पटना, नालंदा, सारण, समस्तीपुर और वैशाली जैसे सात जिलों का चयन किया गया है। यह कदम किसानों को नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले आलू उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगा। कुफरी चिप्सोना-1 आलू की खासियत इसकी गुणवत्ता और बाजार में मांग है, जो इसे किसानों के लिए लाभदायक बनाती है।
कोल्ड स्टोरेज की स्थिति
बिहार में वर्तमान में कुल 202 कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध हैं, जिनकी भंडारण क्षमता लगभग 12 लाख 30 हजार टन है। यह कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने और उचित मूल्य पर बेचने में मदद करती हैं। इन सुविधाओं की उपलब्धता से किसानों को मौसम के विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी उपज को संरक्षित करने का अवसर मिलता है।
आलू की खेती का विस्तार
बिहार में आलू की खेती 3.29 लाख हेक्टेयर में होती है, जिसमें आलू का उत्पादन 87.90 लाख टन और प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 26.71 टन है। आलू बिहार के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, और इसके उत्पादन में वृद्धि से आर्थिक विकास में भी योगदान मिल सकता है।
कुल मिलाकर, बिहार में सब्जी और आलू उत्पादन के क्षेत्र में हो रहे इन प्रयासों से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य को कृषि उत्पादन में एक प्रमुख स्थान पर भी ला सकता है। कुफरी चिप्सोना-1 की खेती और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।