होली खेलते समय कोविड प्रोटोकाल का पालन करें : सीएमओ

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केमिकलयुक्त रंग पहुंचा सकते हैं त्वचा व आंखों को नुकसान, रहें सावधान

द न्यूज 15 

नोएडा। जनपद में बेशक कोविड संक्रमण थम गया है, लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बेहतर हो कि इस बार सामूहिक रूप से होली खेलने और आपस में गले मिलने से परहेज करें। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए ही होली खेलें। यह सलाह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है -वैसे तो होली मुख्य रूप से रंगों और आपस में मिलने और गले मिलकर बधाई देने का त्योहार है पर कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पिछली बार की तरह इस बार भी एहतियात से मनाया जाए तो बेहतर है। उन्होंने कहा हालांकि जनपद में अब बहुत कम मामले कोविड संक्रमण के आ रहे हैं, पर कोविड अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है। इसलिए होली के दौरान कोविड प्रोटाकाल का पालन करना बहुत जरूरी है। कोशिश करें भीड़ में शामिल न हों। न जाने भीड़ में कौन सा व्यक्ति संक्रमित हो। घर से बाहर जाने पर मास्क लगाना न भूलें। दूर से ही होली खेलें। घर आकर सबसे पहले साबुन-पानी से हाथ धोयें और स्नान करें। उन्होंने कहा- कोशिश करें होली पर घर पर बनी मिठाइयां ही खाएं, बाजार की चीजों से जितना हो सके परहेज करें।
आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं रंग : जिला संयुक्त चिकित्सालय में आई सर्जन डा. निधि का कहना है कि होली में पूरी तरह से आंखों को रंगों से बचाना चाहिये। होली पर लोग कृतिम रंग ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। यह रंग होली खेलते समय आंखों में चले जाएं, तो आंखें अस्थायी/ स्थाई रूप से खराब हो सकती हैं। इससे आंखों में जलन, चुभन, आंखों का लाल होना, एलर्जी, कॉर्नियल अल्सर, कंजंक्टिवाइटिस, ब्लाइंडनेस हो सकती है।
रगड़ें नहीं आखें : डा. निधि कहती हैं- आंखों में रंग या धूल का कोई कण चला जाएं तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। तुरंत आंखों के डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। स्वयं कोई इलाज न करें और न ही कोई आईड्राप बिना चिकित्सक की सलाह के इस्तेमाल करें। आंखों के मामले में कतई लापरवाही न बरतें।
आंखों के आस-पास लगाएं तेल
होली पर रंग से खेलने से पहले आंखों के आस-पास या पूरे चेहरे पर तेल लगा सकते हैं, इससे न सिर्फ आंखों पर लगा रंग आसानी से छूट जाता है, बल्कि आंखों पर पड़ने वाला रंग भी पलकों पर ही चिपक जाता है और आंखों का बचाव होता है। इसके लिए सरसों के तेल, नारियल के तेल या फिर किसी क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रहे तेल या क्रीम आंख में न जाए।
केमिकलयुक्त रंगों से होली न खेलें : जिला संयुक्त चिकित्सालय के चर्मरोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक दुबे का कहते हैं, होली पर केमिकलयुक्त (रसायनयुक्त) रंग बहुत बिकते हैं। जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग इनका इस्तेमाल करते हैं। केमिकलयुक्त रंगों से बचना चाहिए। यह लगाने वाले के हाथों को और जिसके लगाया जाता है, दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हें हानिकारक केमिकल से तैयार किया जाता है। इनमें लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेट, मरकरी सल्फाइट, क्रोमियम आयोडाइड, एल्युमिनियम ब्रोमाइड आदि होता है। यह सभी केमिकल बाल, त्वचा, आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन केमिकल के कारण त्वचा पर एलर्जी, खुजली, सूखापन, फोड़े-फुंसी अथवा घाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बेहतर हो कि हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें।
बचाव के लिए करें तेल या क्रीम का इस्तेमाल : डा. दुबे का कहना है कि होली खेलने से पहले त्वाचा पर यदि तेल या मॉइस्चराइजर लगा लिया जाए तो काफी हद तक बचाव हो सकता है। इसके लिए नारियल का तेल, सरसों का तेल, बैसलीन अथवा कोई भी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे त्वचा पर अवरोध (कोडिंग) बन जाता है जो रंगों के दुष्प्रभाव को कम कर देता है। उन्होंने कहा- यदि तेज धूप में होली खेल रहे हैं तो संसक्रीम भी उपयोग कर सकते हैं।

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