एक वर्ष में तीन सौ से ज्यादा बच्चे हुए स्वस्थ : डॉ आलम

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पोषण पुनर्वास केंद्र के जरिये कुपोषण को मात दे रहे बच्चे

फिरोजाबाद।  संयुक्त जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ने एक साल में तीन सौ से ज्यादा अति कुपोषित बच्चों को सही करके घर भेज दिया है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित करके अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों को एनआरसी वार्ड में उपचार के लिए भर्ती कराया जाता है।
सीएमओ डॉ डीके प्रेमी ने बताया कि गत वर्ष अगस्त में एनआरसी वार्ड को फिरोजाबाद जिला अस्पताल से संयुक्त जिला अस्पताल शिकोहाबाद स्थानांतरित किया गया है। हालांकि डाइटिशियन की अस्पताल में अभी नियुक्ति नहीं हो सकी है लेकिन अन्य डॉक्टरों तथा प्रशिक्षित नर्सों द्वारा बच्चों को उनकी स्थिति के अनुसार डाइट और उनका उपचार किया जाता है। एनआरसी में 5 साल तक के बच्चों को कम से कम 15 दिन तक रखा जाता है। जिसमें उनका वजन, बीमारी, टीकाकरण तथा उनका उपचार किया जाता है। एनआरसी वार्ड में बच्चों के खेलने के लिए खिलौने आदि की व्यवस्था है।

संयुक्त जिला अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक डॉ शाने आलम ने बताया कि अगस्त 2021 से अब तक 300 से ज्यादा अति कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य किया गया है। साथ ही एक अप्रैल 2022 से अभी तक 196 बच्चों को सुरक्षित श्रेणी में लाया गया। वार्ड में तीन नर्सों की ड्यूटी रहती है जो बच्चों की देखरेख और उनका डाइट चार्ट तैयार करके भोजन आदि देती हैं। नर्स बच्चों को उनकी उम्र, वजन, बीमारी के अनुसार डाइट चार्ट तैयार करके खाना तथा उनका उपचार करती हैं। अस्पताल के ही डॉक्टर एस के कर्दम बच्चों का इलाज करते हैं।
डॉ. आलम ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में दूसरे स्थान पर हमारा एनआरसी वार्ड रहा है। उन्होंने कहा कि एनआरसी वार्ड में भर्ती बच्चों का खाना बनाने के लिए अलग से कुक रखा गया है। वार्ड में भर्ती बच्चों की माताओं को जेएसवाई योजना के तहत भोजन दिया जाता है।

संयुक्त जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ एस पी शर्मा का कहना है कि फ्रंटलाइन वर्कर अति कुपोषित तथा कुपोषित बच्चों के परिजनों को पूरी तरह से काउंसलिंग करके ही एनआरसी वार्ड में भर्ती कराती हैं। 15 दिन के बाद स्वस्थ होने के बाद बच्चों को अस्पताल से रिलीव कर देते हैं और बाद में समय-समय पर बच्चों को अस्पताल बुला कर उनका चेकअप आदि कराया जाता है।
एनआरसी वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स सुनीता ने बताया कि बच्चों के पोषण आदि संबंधी डाइट चार्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों को उनके वजन, बीमारी तथा उनकी उम्र के अनुसार तीन श्रेणी में विभक्त कर उनका डाइट चार्ट तैयार करते हैं। छह माह से छोटे बच्चों को डायरिया व अन्य बीमारी है तो उनका दूध अलग तथा जिन बच्चों में बीमारी नहीं है उन बच्चों का दूध अलग बनाकर दिया जाता है। साथ ही जो 6 माह से ऊपर के बच्चे हैं उनको वजन, उम्र तथा कुपोषण के अनुसार ही हलवा, खिचड़ी, दूध, दलिया तथा उपमा आदि दिया जाता है। अस्पताल में बच्चों का टीकाकरण भी समय से पूर्ण कराया जाता है।
एनआरसी वार्ड में भर्ती बच्चे मानवी (दो साल) निवासी नौशेरा शिकोहाबाद, रोहन (5 माह) निवासी हुमायूंपुर फिरोजाबाद तथा कुलजीत (4 साल) निवासी निकाऊ खैरगढ़, अनावी (11 माह), निवासी मानपुरा, एका फिरोजाबाद के परिजनों का कहना है कि हम लोगों के बच्चों का समय पर टीकाकरण, उपचार तथा बच्चों के वजन के हिसाब से उनको भोजन दिया गया। अभी हमारे बच्चे स्वस्थ हैं। हमको 15 दिन के बाद बच्चों का चेकअप कराने के लिए अस्पताल बुलाया है।

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