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80:20 पर घमासान और भगवा लहर, कितने मुस्लिम उम्मीदवारों की हुई जीत?

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द न्यूज 15 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भगवा लहर ने विपक्ष की तमाम कोशिशों को ध्वस्त कर दिया। भाजपा ने 273 सीटों पर जीत हासिल करके लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का रिकॉर्ड अब अपने नाम कर लिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन 125 सीटों पर सिमट गया। सीएम योगी की ओर से जहां इस चुनाव को 80:20 का चुनाव बताया गया तो बीजेपी को हटाने के लिए मुस्लिम वोटर्स सपा खेमे में गोलबंद होते दिखे। ऐसे में आप भी यह जानना चाहेंगे कि इस चुनाव में कितने मुस्लिम उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं?

18वीं विधानसभा चुनाव में 36 अल्पसंख्यक उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता लेने जा रहे हैं। ये सभी विधायक सपा गठबंधन से जीते हैं। एनडीए का एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार स्वार सीट से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनाव हार गए तो बसपा, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से जीते कुल 5 उम्मीदवार हिंदू हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। इस लिहाज से देखें तो 20 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले राज्य में 8.92 फीसदी मुस्लिम विधायक होंगे।

यूपी में चुनाव जीतने वाले प्रमुख मुस्लिम उम्मीदवारों में सपा के दिग्गज नेता और जेल में बंद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम शामिल हैं, जिन्हें रामपुर और स्वार सीट से जीत मिली है। जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे अब्बास और मन्नू शामिल हैं। वहीं, गैंगस्टर ऐक्ट में जेल में बंद नाहिद हसन को भी कैराना से जीत मिली है। आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से सपा के 85वर्षीय मुस्लिम उम्मीदवार आलम बदी भी 34,187 वोट से चुनाव जीत गए। मेरठ की किठौर सीट पर सपा के शाहिद मंजूर और बीजेपी के सतवीर सिंह के बीच करीबी मुकाबला हुआ और मंजूर महज 2,180 वोट से जीतने में कामयाब रहे।

पार्टी ने यादव-मुस्लिम पार्टी के टैग से पीछा छुड़ाने के लिए पहली बार सपा ने महज 64 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। वहीं बसपा ने 88 और कांग्रेस ने 75 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। वहीं, एआईएमआईएम ने 60 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक को भी जीत नहीं मिली।