Festival : गणेश चतुर्थी का त्योहार कल से 

शिवानी मांगवानी 
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म के सबसे पसंदीदा त्योहारों में से एक है, जिसका गणेश जी के भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। वैसे तो इस त्यौहार का पूरे भारत में उत्साह रहता है लेकिन महाराष्ट्र में यह त्यौहार खासतौर में मनाया जाता है। वहीं जब भी ये त्यौहार आता है अपने साथ कई खुशिया लेकर आता है…जिस कारण इस त्यौहार को खुशियों या मनोरंजन का त्यौहार भी कहा जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त से शुरू हो रहा है, जिसको लेकर भक्त काफी उत्साहित हैं। तो इस खास मौके पर जानते हैं।

गणेश मूर्ति लाते समय इन बातों का रखें ध्यान : इस त्यौहार में सबसे महत्वपूर्ण होता है।  श्री गणेश की घर मे मूर्ति लाकप स्थापित करना तो आज हम सबसे पहले यही जानेंगे की गणेश जी की मूर्ति कैसी और कौनसे रंग की लेकर आए और साथ ही किन -किन बातो का रखना चाहिए।

1- गणेश जी की मूर्ति हमेशा मिट्टी से बनी हुई ही लानी चाहिए। प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य केमिकल्स से बनी मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए।

2- साथ ही हमेशा मूर्ति लेते वक्त एक कन्फ्यूजन बना होता है की कैसी मूर्ति घर लाए तो बता दें  कि आपको हमेशा बैठे हुए गणेश जी की मूर्ति ही घर में लाना चाहिए क्योंकि ऐसी मूर्ति लाना ही शुभ माना जाता है।

3-ये तो आप जानते ही है की गणेश जी को वक्रतुंड कहा जाता है। इसलिए उनकी सूंड बांई और मुडी हुई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा अर्चना करने से गणेश जी ज्यादा प्रसन्न होते हैं  साथ ही जीवन में चल रहे संकटों से भी छुटकारा मिलता है।

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4- गणेशजी की ऐसी मूर्ति स्थापना करनी चाहिए जिसमें उनके हाथों में पाश और अंकुश दोनों हो। क्योकि शास्त्रों में गणेश जी के ऐसे ही रूप का वर्णन किया गया है।

5- वही बात करें कैसे रंग की मूर्ति लाना है शुभ तो ये भी जान लीजिए कि अगर आप पीले रंग की मूर्ति की अपने घर मे स्थापना करते हैं तो ये सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है तो अगर आप भी अपने घर में मूर्ति लाने जा रहे है तो पीले रंग की मूर्ति लेकर आएं।

कैसा है गणेश जी का रंग? : गणेश जी की मूर्तियो या तस्वीरों पर अगर आप नजर डालें तो उसमें अलग रंगों में भगवान के रुप को दर्शाया जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं क्योकि श्री गणेश जी के शरीर का एकमात्र रंग है। हरा और लाल और अब आप सोच रहे होंगे कि हम इश पर य़किन कैसे करें तो ये भी बतादें की ऐसा शिव महापुराण के अनुसार मिली जानकारी में कहा गया है।

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ये है गणेश चतुर्थी के शुभ संयोग : चलिए अब बात र लेते है की इस बार गणेश चतुर्थी के शुभ संयोग क्या बन रहे है। दरअसल पंचांग के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर तीन शुभ योग बन रहे हैं और एक विशेष संयोग बन रहा है. इस वर्ष की गणेश चतुर्थी तिथि रवि योग में है. वहीं इसी दिन दो शुभ योग ब्रह्म योग और शुक्ल योग भी बन रहे हैं। पंचांग के मुताबिक, 31 अगस्त 2022 दिन बुधवार को प्रात:काल  05:58 बजे से लेकर देर रात 12:12 बजे तक रवि योग है. जबकि प्रात:काल से लेकर रात 10:48 बजे तक शुक्ल योग और शुक्ल योग के समाप्त होने के तुरंत बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा। ये तीनों ही योग पूजा पाठ की दृष्टि से बेहद शुभ माने गए हैं। धार्मिक मान्यता है कि रवि योग अमंगल को दूर कर सफलता प्रदान करता है। इस योग में सूर्य की स्थिति बेहद प्रबल मानी जाती है. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर आप गणपति बप्पा की विधिवत पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर अपनी हर कामना को सफल बना सकते हैं।

पूजा में न करें ये 5 चीजें शामिल : गणेश जी की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व है..ये आप सभी जानते है जिसको लेकर कई तरह की सावधानियां बरती जाती है तो इंही सावधानियो को याद रखते हुए भगवान गणेश की पूजा में पांच कुछ ऐसी चीजे जिनको कभी भी गणेश की पूजा में उपयोग नही करना चहिए और वो पांच तीजे है तुलसी,टूटे अक्षत,केतकी फूल,सफेद वस्तु,सूखे फूल..अगर आप इन पांच चीजों का इस्तेमाल करते है पूजा में तो आपकी पूजा का कोई भायदा नही है क्योकि फिर पूजा अशुभ हो जाती है

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