यूक्रेन पर परमाणु हमले के डर से दुनिया में बढ़ी इन गोलियों की मांग, स्टॉक तक खत्म

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द न्यूज 15

नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर एक्सपर्ट्स लगातार नजर बनाए हुए हैं। कुछ का कहना है कि अब यह युद्ध इतने खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है यह कभी भी रासायनिक युद्ध की शक्ल ले सकता है और अगर ऐसा हुआ तो तीसरे विश्व युद्ध की संभावना प्रबल हो जाएगी। यह सब तब हुआ जब रूस पर आरोप लगने लगा कि वह यूक्रेन पर रासायनिक हथियार का प्रयोग करने वाला है। इसी बीच एक और चौंकाने वाली केस स्टडी सामने आई है जिसमें बताया गया कि दुनियाभर के लोग पोटैशियम आयोडाइड की पिल्स तेजी से खरीद रहे हैं।
मांग के चलते पिल्स का स्टॉक खत्म : दरअसल, सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में इस पर विस्तृत तरीके से जानकारी देते हुए एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया कि रूस ने अगर यूक्रेन के परमाणु ठिकानों पर हमला किया या फिर रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया तो इससे रेडियोएक्टिव विकिरण हो सकता है। ऐसे में काफी हद तक या तो बंकर लोगों के काम आ सकता है या फिर पोटैशियम आयोडाइड की पिल्स इस विकिरण से राहत दे सकती हैं। इतना ही नहीं यूरोप के देशों में इसकी मांग इतनी तेजी से बढ़ी है कि कई जगह तो इसके स्टॉक भी खाली हो गए हैं।
कैसे काम करती हैं ये गोलियां : रिपोर्ट के मुताबिक सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने बताया है कि रूस अगर परमाणु हमला करता है तो इससे निकला रेडियोएक्टिव आयोडीन सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच सकता है। यह थायरॉइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे कई तरह के हार्मोन निकलते हैं। इसी बीच अगर पोटैशियम आयोडाइड का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे थायरॉइड ग्रंथि सैचुरेट हो जाती है और रेडियोएक्टिव आयोडीन को नहीं लेती है जो कि कैंसर के लिए उत्तरदायी होती है।
सुरक्षा की शत प्रतिशत गारंटी नहीं : एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया कि हालांकि पोटैशियम आयोडाइड की गोलियां रेडियोएक्टिव आयोडीन के खिलाफ शत प्रतिशत सुरक्षा नहीं देती हैं लेकिन इसकी एक डोज थायरॉइड ग्रंथि को 24 घंटे तक सुरक्षा देती है। इसके अलावा सलाह से ज्यादा डोज लेने से गंभीर परेशानी या मौत तक हो सकती है। इसके बावजूद भी यूक्रेन में भी बंकरों के बाहर लोग बड़ी मात्रा में आयोडीन की गोलियों खरीद रहे हैं। उनका मानना है कि इससे वह जहरीली गैसों से अपना बचाव कर पाएंगे। साथ ही इटली, स्वीडन, बेल्जियम, ब्रिटेन में भी लोग बंकरों, सर्वाइवल गाइड, फॉलआउट शेल्टर सहित इन गोलियों के लिए कोई भारी कीमत चुकाने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच ही ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस यूक्रेन में जैविक या रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की योजना बना सकता है। इससे पहले अमेरिका ने भी रूस पर यह आरोप लगाए थे। उधर यह भी कहा जा रहा है कि ताजा इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक रूस के लिए जमीनी पकड़ बना पाना मुश्किल होता जा रहा है और शायद इसीलिए वह इन हथियारों का प्रयोग करना चाह रहा है।

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