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पिता बेचते हैं फल, बिटिया बन गई सोल्जर

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 बीएसएफ में ट्रेनिंग कर लौटी गांव तो हुआ ग्रैंड वेलकम

 बांका। बिहार के बांका जिले के अमरपुर की रहने वाली रिया कुमारी ने बीएसएफ में कॉन्स्टेबल बनकर अपने परिवार और पूरे इलाके का नाम रोशन किया है। मुश्किल हालातों से जूझते हुए रिया ने यह सफलता हासिल की है। रिया के पिता फलों की दुकान चलाते हैं। रिया कुमारी बीते दिन बीएसएफ में अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गांव लौटी तो गांव के लोगों ने उनका ढोल-बाजे के साथ जोरदार तरीके से स्वागत किया। रिया गांव से बीएसएफ में जाने वाली पहली लड़की हैं। रिया ने बताया कि उन्होंने पहली ही बार में बीएसएफ की परीक्षा पास की है। रिया अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। रिया कहती हैं, ‘पिताजी ने कड़ी मेहनत करके मुझे पढ़ाया है। बारिश हो या धूप, दुकान चलाकर उन्होंने मेरी पढ़ाई पूरी करवाई।’
रिया बताती हैं कि उनका परिवार मध्यमवर्गीय है। उन्होंने बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है और फिलहाल स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। वे कहती हैं, ‘पढ़ाई के साथ-साथ मैंने भागलपुर जाकर शारीरिक परीक्षा की तैयारी भी की।’ बीएसएफ में शामिल होने के बाद घर वापस आना और सभी का स्वागत पाना उनके लिए बेहद सुखद अनुभव रहा।
अपनी इस कामयाबी के लिए रिया अपने माता-पिता को भी श्रेय देती हैं, जिन्होंने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। आर्थिक तंगी के बावजूद उनके माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया।
रिया की मां ने बताया कि उनकी तीन संताने हैं। रिया सबसे बड़ी हैं। उनके दो छोटे भाई पीयूष और आयुष अंडर मैट्रिक की पढ़ाई कर रहे हैं। रिया का बीएसएफ में चयन एक साल पहले ही हो गया था। लेकिन ट्रेनिंग पूरी करके जब वह अपने घर वापस आईं तो पूरा मोहल्ला गर्व से भर गया। लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। अपनी बेटी की सफलता देखकर मां भावुक हो गईं।
रिया के पिता श्रवण कुमार अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं। वे कहते हैं कि रिया ने समाज, परिवार और रिश्तेदारों के साथ-साथ उन छात्रों के लिए भी एक मिसाल पेश की है, जो असफलता मिलने पर अपना लक्ष्य भूल जाते हैं। रिया के पिता कहते हैं, ‘मेरी बेटी ने कठिन संघर्षों के बावजूद कभी हार नहीं मानी। उसने दिन-रात मेहनत करके परिवार के सपने को पूरा किया।’
श्रवण कुमार आगे कहते हैं, ‘मेरे मोहल्ले का माहौल पहले जैसा नहीं रहा। मेरी बेटी ने अपने परिवार के साथ-साथ मोहल्ले का नाम भी रोशन किया है। आज पूरे मोहल्ले में खुशी का माहौल है। सभी लोग खुशियां मना रहे हैं। बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं। मेरी बेटी ने जो ठाना, उसे करके दिखाया। यह उसकी कड़ी मेहनत का ही फल है।’