बेटी का इलाज कराते हुए आर्थिक रूप से भी टूट चूका था पिता दिल्ली सरकार विज्ञापन पर जनता के सरकारी खज़ाने को लुटाने की जगह स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर करे खर्च : नवनीत तिवारी
द न्यूज 15
नई दिल्ली। नरेला के मेट्रो विहार इलाके में एक पिता ने आर्थिक तंगी और सही इलाज न मिलने के कारण 10 साल की बेटी की मृत्यु के बाद खुद खुदखुशी कर ली। दरअसल कुछ साल पहले मानसी दूसरी मंजिल से गिर गई थी, जिसके बाद उसका सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान इनके पिता सुरेश की नौकरी चली गई और सही इलाज न मिल पाने के कारण मानसी ठीक नही हो पा रही थी। 22 मार्च को मानसी की मृत्यु हो गई, बेहद आर्थिक तंगी और बेटी की मृत्यु के कारण पिता ने खुद फांसी लगा कर खुदखुशी कर ली। दुखद बात यह भी है पिता ने खुदखुशी की जिस वजह से यह मामला मीडिया में सामने आया है, लेकिन ऐसे दृश्य दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आम हैं।
यह अत्यंत दुःखद घटना दिल्ली सरकार के मुफ्त और बढ़िया स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलती है, 2015 के बाद से दिल्ली और देश के हर राज्य के अख़बार, टेलेविज़न, होर्डिंग में दिल्ली के सरकरी खज़ाने का करोड़ो रुपया पानी की तरह विज्ञपन पर बहाया जा रहा है, लेकिन दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की ज़मीनी हकीकत उससे बहुत अलग है।
दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता एक छोटा सा उदहारण यह भी है कि ब्लड टेस्ट कराने के मामले में दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक पर जनता को वापस भेजा जाता है कि हमारे पास सिरिंज उप्लब्ध नहीं है, जो सरकार टेस्ट के लिए पर्याप्त संख्या में सिरिंज तक उपलब्ध नही करवा पा रही है। वह स्वास्थ्य व्यव्स्था पर कितना खर्च कर रही है और विज्ञापन पर कितना इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्वराज इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने कहा है कि जितना पैसा केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर खर्च कर रही है यदि वह सारा पैसा शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाता तो ज़मीनी स्थिति बहुत अलग होती। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल का केवल एक ही मकसद है, वह है राजनीतिक विस्तार, जिसमें वह पूरी तरह से व्यस्त हैं और झूठे विज्ञापन के माध्यम से दूसरे राज्यों मे दिल्ली की स्वास्थ्य और शिक्षा की झूठी विश्वस्तरीय व्यवस्था दिखाई जाती है।