हजारों एजेंटों और निवेशकों के साथ धरना दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय टंडन
सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय पर लगाया है 25 करोड़ लोगों से 25 लाख करोड़ लूटने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट का आरोप-सहारा द्वारा चलाई जा रहे जमा योजनायें बैनिंग आफ अनरेगूलेटेड डिपाजिट स्कीम 2019, सपठित प्राइज एवं मनी सकूर्लेशन 1978 के अंतर्गत वर्ष 1978 से हैं प्रतिबंधित
सहारा के सभी निदेशकों और अधिकारियों, सोसायटी के मालिक सुब्रत राय को आजीवन कारावास और तीन गुना अर्थदंड का है प्रावधान
नई दिल्ली/लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय टंडन सहारा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए 12 मार्च को कानपुर नगर के फूलबाग गांधी प्रीतिमा के पास अनशन पर बैठने जा रहे हैं। उन्होंने बाकायदा एक वीडियो जारी कर सहारा पीड़ितों से उनके आंदोलन में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा है की एक अखबार के माध्यम से उन्हें पता चला है कि सहारा इंडिया द्वारा प्रचार-प्रसार हो रहा है सहारा ने निवेशकों का पाई-पाई चुका दिया है। अजय टंडन ने जारी वीडियो में सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय को दुनिया का बसे बड़े आर्थिक घोटालेबाज, आतंकवादी, देशद्रोही, लुटेरा, फर्जीवाड़े का विश्व इतिहास बनाने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत के 25 करोड़ लोगों से 25 लाख करोड़ रुपए लूटने वाला, हजारो निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार एवं हत्यारा सुब्रत राय सहारा और उसके लूट गैंग ने यह खबर फैलाई है कि उसे किसी निवेशक का कोई पैसा देना बाकी नहीं है।
अजय टंडन ने कहा है कि उनके पास सहारा समूह की सभी कम्पनियों और सोसाइटी की बैलेंस शीट 2020 तक की उपलब्ध है और कुछ कम्पनियों की 2021 तक की भी हैं, जिसका अध्ययन उन्होंने और उनकी टीम ने किया है और कर रहे है। उन्होंने कहा है कि उन बैलेंस शीटों में सुब्रत राय समेत सहारा ग्रुप के निदेशकों एवं आडिटर के हस्ताक्षर हैं। सुब्रत राय के लिए चांडाल शब्द का इस्तेमाल करते हुए अजय टंडन ने कहा है कि इन सबूतों से यह व्यक्ति इंकार नहीं कर सकता है और उसी के आधार पर वह यह बताना चाहते हैं कि सहारा ग्रुप की निम्न कम्पनियों एवं सोसाइटीज में निम्न संख्या में निवेशक एवं कार्यकर्ता का पैसा निम्न प्रकार परिपक्वता के अनेक वर्ष बीत जाने पर भी खराब नियत के चलते वापस नहीं किया गया है। अजय टंडन ने कहा है कि इन सोसाइटियों ने जितने भी जमा योजनायें चलाईं वह सभी बैनिंग आफ अनरेगूलेटेड डिपाजिट स्कीम 2019, सपठित प्राइज एवं मनी सकूर्लेशन 1978 के अंतर्गत वर्ष 1978 से प्रतिबंधित हैं यानि बैन्ड हैं। इसलिये उपरोक्त के आधार पर उपरोक्त सभी निदेशक एवं आफिसर एवं सभी सोसाइटी का असली मालिक सुब्रत राय सहारा को आजीवन कारावास का प्रावधान है और तीन गुना अर्थदंड का प्राविधान है।
अजय टंडन ने कहा है कि वह पूर्व में जारी की गई वीडियो में वह और उनके साथी बता चुके हैं कि आने वाली 12 मार्च वह कानपुर फूलबाग गांधी प्रतिमा पर हजारों क्रांतिकारी निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं।
उन्होंने जनता का आह्वान है कि बैनिंग आफ अनरेगूलेटेड डिपाजिट स्कीम्स एक्ट के तहत देश भर के सभी सहारा
अजय टंडन ने सरकार से मांग की है कि सहारा की देश भर की एवं देश के बाहर की सभी सम्पतियां कर 25 करोड़ निवेशकों का मय ब्याज के भुगतान कराया जाये। उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि पहली किस्त में वह एक हजार निवेशकों का मय सबूत के 25 करोड़ का विवरण मय सबूतो के भेज रहे हैं जिसका तत्काल भुगतान किए जाये।
अजय टंडन का दावा है कि सहारा की सभी कम्पनियों, सोसाइटीज का तत्काल फारेंसिक आडिट का आदेश दिया जाये, जो कि मा. सर्वोच्च न्यायालय के मा. जज की निगरानी में हो, साथ ही उन्होंने मांग की है कि ईमानदार फारेंसिक आडिटर्स की टीम इस कार्य में लगायी जाये।
अजय टंडन ने मांग की है कि सुब्रत राय, इसकी पत्नी, दोनों लड़के, लड़कों की बीवियां, भाई सहित सभी कम्पनियों सोसाइटियों के निदेशक, आडिटर्स, एमडी, अधिकारी, तत्काल रूप से गिरफतार किये जाएं। अजय टंडन ने इन लोगों को आजीवन कारावास की सजा की मांग की है।
अजय टंडन ने देश भर के जमाकर्ताओं और निवेसकों से अपील की है कि इस धर्मयुद्ध में वे उनका साथ दें। उन्होंने कहा है कि जन कल्याण के लिये उन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगा दी है। अजय टंडन ने कहा है कि उन्हें न्याय तभी मिलेगा जब देशभर के 12 लाख एजेंटों और और 25 करोड़ निनिवेशकों का सहयोग उन्हें मिलेगा। अजय टंडन ने सुब्रत राय का अक्सर कहे जाना वाला वाक्य कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित हो सकता है कहते हुए सहारा पीड़ितों के लिए
अजय टंडन ने देश के सभी राज्यों एवं जिलों के एजेंटो से एवं निवेशकों से अपील की यही कि वे सभी अपने नाम एवं सम्पर्क सूत्र के साथ अपने अपने जिले की लिस्ट बना कर उन्हने उनके व्हाट्सऐप नं0 9936529111 पर भेजें ताकि वे सभी के लिये पर्याप्त व्यवस्था कर सकें।