गांव और किसान विरोधी योजना लैंड पूलिंग पॉलिसी में हुए रजिस्ट्रेशन को रद्द कराने के उद्देश्य से गाँव नीलवाल में किसानों की हुई बैठक
दिल्ली मास्टर प्लान 2021 की समयावधि को समाप्त हुए भी एक साल से ज्यादा समय बीत गया है और आज हम 2023 में पहुँच गए है। नीलवाल गाँव के किसानों का कहना है कि हमारी जमीन को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बड़े बड़े सब्जबाग दिखाकर पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवा कर बंधक बना लिया है । किसानों ने इन आरोप के प्रमाण देते हुए बताया कि जब लैंड पूलिंग पॉलिसी नही बनी थी उस समय हमारी जमीन का रेट 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ में भी किसान अपनी जमीन बेचने को तैयार नही थे और जमीन खरीदने वाली पार्टी उनके चक्कर लगाते रहते थे । रजिस्ट्रेशन के बाद तो हमारी जमीन को 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की पार्टी भी नही है आज हालात यह है कि जिस किसान को किसी कारणवश मजबूरी में अपनी जमीन को बेचना पड़ रहा है ऐसे किसान को प्रति एकड़ एक से डेढ़ करोड़ रुपए में ही बेचनी पड़ रही है ।
किसानों की मांग है कि अब जब दिल्ली मास्टर प्लान 2021 की समयसीमा समाप्त हो गई है और योजना धरातल पर नही उतर पाई है तो ऐसे सभी किसानों की जमीन के रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाए । दिल्ली देहात मोर्चा और जय किसान आंदोलन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राजीव यादव के अनुसार सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि हम इसी तरह सभी 104 गाँव के किसानों से सम्पर्क करेंगे और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष उपराज्यपाल जी के नाम पर एक पत्र लिखकर किसानों के हस्ताक्षर अभियान के तहत ज्यादातर किसानों की सहमति लेकर उपराज्यपाल जी के पास भेजेंगे । जिसमे मांग रखेंगे की अगर किसानों की जमीन को मुक्त नही किया गया अर्थात इन किसानों की जमीन के रजिस्ट्रेशन को रद्द नही किया तो किसान अपने आंदोलन को तेज करते हुए उपराज्यपाल निवास पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएगा। किसानों की इस महत्वपूर्ण बैठक में नीलवाल गाँव के किसान जिसमे चौधरी दिलबाग सिंह, संतराम, साहिब सिंह, बिजेंद्र सिंह, कुलदीप, संजय, सुखबीर, वेदसिंह, राज सिंह, जयदेव, दलबीर, सत्यवान, जयप्रकाश, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र डागर (समसपुर खालसा), राजीव यादव (दरियापुर खुर्द) इत्यादि किसानों ने भाग लिया।