The News15

केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने देशभर मनाया विश्वासघात दिवस 

Spread the love
द न्यूज 15 
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र सरकार के खिलाफ पूरे भारत में “विश्वासघात दिवस” मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के विभिन्न जगहों पर आंदोलन किया गया।
मध्य प्रदेश के जिला-जबलपुर में मांगों को लेकर गांधी प्रतिमा, टाउन हॉल पर एवं सिहोरा तहसील में भी धरना-प्रदर्शन किया। किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि 9 दिसम्बर 2021 को घोषित समझौते को लागू किया जाए अन्यथा किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसानों का यह आंदोलन उत्तर प्रदेश,  मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, हरियाणा और पंजाब में मुख्य रूप से देखने को मिला। बिहार के सिवान में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया।
पश्चिमी बंगाल के दीनापुर में किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। मेरठ में किसानों ने धरना प्रदर्शन का डीएम को ज्ञापन सौंपा। राजस्थान में जयपुर में आंदोलन देखने को मिला। हरियाणा के नारनौल और महेंद्रगढ़ में किसानों का आंदोलन देखने को मिला।  संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम से जुड़े किसानों ने धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया। उत्तर प्रदेश में मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर में आंदोलन का असर ज्यादा दिखाई दिया।
सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए किसानों ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान किसानों ने हरिद्वार पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। भारतीय किसान यूनियन टिकैत और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुबा सिंह ढिल्लो ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर को प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखकर अन्य छह मुद्दों की तरफ ध्यान देने की अपील की थी। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव ने नौ दिसंबर को मोर्चा के नाम पत्र भेजकर कुछ मुद्दों पर सरकार की तरफ से आश्वासन दिया और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया। जिसके बाद मोर्चा ने दिल्ली बॉर्डर पर धरना, प्रदर्शन खत्म कर दिया। लेकिन सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतर पाई। इसलिए किसानों ने 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। इस दौरान भाकियू ब्लॉक बहादराबाद अध्यक्ष गुरुपेज सिंह ढिल्लो, जजपाल सिंह, जसकरण सिंह, सागर आदि शामिल रहे।
दरअसल कल किसान आंदोलन के चेहरा बन चुके राकेश टिकैत ने नोएडा में किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए  कहा था कि सोमवार को कृषि मुद्दों पर देश भर में ‘‘विश्वासघात दिवस (Betrayal Day)” मनाया जाएगा। किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रविवार को दावा किया था कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए।
टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, था कि ‘‘सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी ‘‘विश्वासघात दिवस” मनाया जाएगा. सरकार के नौ दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है.”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।