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पंजाब में आमने-सामने किसान और तहसीलदार 

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मुआवजे की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज करने पर किसानों ने नायब तहसीलदार को बना लिया है बंधक 

 

द न्यूज 15 
चंडीगढ़। अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने वैसे तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान खुद को किसान हितैषी बताया था पर सत्ता में क्या आई कि किसानों को आंदोलन भी नहीं करने दे रही है। अमृतसर में कपास की खराब हो चुकी फसल के लिए किसानों ने मुआवजे की मांग क्या की कि सुनवाई न होने पर किसानों ने नायब तहसीलदार को उनके कार्यालय में ही बंधक बना लिया।
सोमवार को करीब आधी रात को पुलिस एक्शन में आई और किसानों पर लाठीचार्ज करके नायब तहसीलदार अरजिंदर सिंह और उनके स्टाफ को मुक्त करा लिया। लाठीचार्ज में भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के छह आंदोलनकारी किसान घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसानों को बंधक बनाने से नाराज पूरे प्रदेश के तहसीलदार अब हड़ताल पर चले गए हैं। स्थिति यह है कि आंदोलनकारी किसान भी अब पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अपनी मांगों को लेकर वह किसानों ने अब तहसील दफ्तर के बाहर ही डेरा जमा लिया है।
लाठीचार्ज में घायल किसानों में हरपाल सिंह किल्लियांवाली, निशान सिंह कख्खांवाली, जगदीप सिंह खुड्डियां, दविंदर सिंह मानावाला, एमपी सिंह भुल्लरवाला, गुरलाभ सिंह कख्खांवाली, काला सिंह खुन्नण खुर्द आदि शामिल हैं। किसानों की बंधक से छूटे पटवारियों ने देर रात नेशनल हाईवे पर धरना देकर प्रदर्शन किया।
किसानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिले के सभी SDM व तहसील दफ्तरों के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है। राज्य के तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी गांव बादल स्थित गेस्ट हाउस में इकट्ठा हुए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
किसानों का आरोप है कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा की फसल के मुआवजे के मामले में मुक्तसर जिले को नजरअंदाज किया गया है। दरअसल मुक्तसर जिले में अधिकतर नरमा की खेती लंबी ब्लॉक में ही होती है। गिरदावरी में लंबी ब्लॉक के केवल छह गांवों को ही शामिल किया गया और उन्हें भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया, अन्य करीब 30 गांवों को गिरदावरी में शामिल ही नहीं किया गया।
ज्ञात हो कि पंजाब में हाल ही में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली है। गत साल तीन कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था।