परिवार नियोजन : हर स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध है ‘बास्केट ऑफ च्वाइस’

बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अऩुसार सही परामर्श दिया जाता है :  डा. भारत भूषण 

नोएडा ।  परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए लाभार्थी की इच्छा के अनुसार स्थाई-अस्थाई साधन विभाग निशुल्क उपलब्ध कराता है। यानि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बास्केट ऑफ च्वाइस उपलब्ध है।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया जनपद में 42 स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अनुसार सही परामर्श दिया जाता है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक बृहस्पतिवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर इस बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी जाती है। हालांकि परिवार नियोजन संबंधी जानकारी सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर हर दिन प्राप्त की जा सकती है। पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बास्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं। बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है।

डा. भारत भूषण ने कहना है- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त बास्केट ऑफ़ च्वाइस मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है ।

डॉ भूषण बताते हैं- परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाया है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश है कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं जिनमें कोई साधन विशेष उनके लिए उपयुक्त है या नहीं।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति

परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया वित्तीय वर्ष 2021-22 में  पुरुष नसबंदी 34,  महिला नसबंदी 1880, आईयूसीडी 3739, पीपीआईयूसीडी 6829, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 4400,  कंडोम 454070 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं ।

सलारपुर निवासी सुमन ने बताया- उनके तीन बच्चे हैं। दो पुत्री और एक पुत्र। अब वह परिवार नियोजन के लिए अंतरा इंजेक्शन अपना रही हैं। सुमन कहती हैं कि उन्हें तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा से कोई दिक्कत नहीं है। यह एक कारगर गर्भनिरोधक है।

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