ज्यादातर बिहार से होकर गुजरेगा, बिहार के 8 जिलों में जल्द होगा जमीन का अधिग्रहण, इन गांव में तो प्लॉट के दाम आसमान पर जानेवाले!
पटना। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाला एक्सप्रेसवे ज्यादातर बिहार से होकर गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह 2028 तक पूरा होगा। एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों के 305 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह एक्सप्रेसवे 550 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 416 किलोमीटर बिहार में होगा। इसके लिए बिहार में 2755 हेक्टेयर निजी और 168 हेक्टेयर सरकारी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण का काम अगले एक महीने में शुरू हो जाएगा।
एक्सप्रेसवे के लिए जरूरी जमीन अधिग्रहण पर 7 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाकी पैसा निर्माण कार्य में लगेगा। इस प्रोजेक्ट में गंडक नदी पर दो बड़े पुल भी बनाए जाएंगे, जिसमें से एक पुल लगभग 10 किलोमीटर लंबा होगा। कुल मिलाकर ये एक्सप्रेस वे बिहार के लिए कई बड़े तोहफे लेकर आ रहा है। जिन गांवों से ये एक्सप्रेसवे गुजरेगा, उसके साथ के प्लॉट की कीमत बढ़ जाएगी। वहां ग्रामीण लोगों को बाजार विकसित करने का भी मौका मिल सकता है।
यह एक्सप्रेसवे पश्चिम चंपारण के 15, पूर्वी चंपारण के 69, शिवहर के 7, सीतामढ़ी के 33, मधुबनी के 66 और सुपौल के 43, अररिया के 47 और किशनगंज के 25 गांवों से होकर गुजरेगा। यह गोरखपुर से शुरू होगा और पश्चिम चंपारण के नौतन में बिहार में प्रवेश करेगा। इस एक्सप्रेसवे पर 25 जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जहां से स्टेट हाइवे, नेशनल हाइवे और दूसरी मुख्य सड़कों को जोड़ा जाएगा। इससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।