विश्वविद्यालय अनुसंधान परियोजनाओं की कड़ाई से कर रही मानिटरिंग
विश्वविद्यालय के अनुसंधान से किसान और समाज को मिलना चाहिए लाभ
सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित विद्यापति सभागार में अनुसंधान परिषद की दो दिवसीय विशेष बैठक सोमवार से आयोजित की जा रही है। अनुसंधान परिषद की विशेष बैठक के पहले दिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पचास से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं को प्रस्तुत किया।
बैठक में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान की गुणवत्ता पिछले डेढ़ वर्ष में तुलनात्मक रूप से काफी अच्छी हुई है। उन्होंने कहा कि सभी वैज्ञानिकों को अपने अनुसंधान परियोजना में यह बताना चाहिए कि उस परियोजना से किस तरह लोगों को फायदा होगा। वैश्विक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या फिर किसी न किसी स्थानीय समस्या को आधार बनाकर ही अनुसंधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अनुसंधान से किसानों को और समाज को लाभ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान परियोजना की कड़ाई से मानिटरिंग कर रहा है। नये परियोजना को मंजूरी देने में भी सभी मानकों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तीन स्तर पर स्कैनिंग करने के बाद ही अनुसंधान परियोजना को स्वीकृति दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी वैज्ञानिकों के लिए यह जरूरी है कि वे कम से कम एक अनुसंधान परियोजना पर कार्य करें तभी वैज्ञानिक धर्म का सही से पालन हो पायेगा। अनुसंधान परिषद की विशेष बैठक में विशेषग्य के रूप में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के फिशरीज के डीन डॉ अमित कुमार सैनी, मखाना केंद्र दरभंगा के डॉ इंदु शेखर, डॉ विनोद कुमार शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त भुवनेश्वर से प्रधान वैज्ञानिक डॉ लिप्सा ऑनलाइन माध्यम है से जुड़ी। डॉ सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पी एस पांडेय के नेतृत्व में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि विशेषकर डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में निर्णायक कदम उठाया जा रहा है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय अनुसंधान की गुणवत्ता को लेकर काफी गंभीर है और इसमें किसी तरह की आना कानी बर्दाश्त नहीं की जा रही है।
इससे कुछ लोगों को तात्कालिक रूप से परेशानी हो सकती है पर लंबे समय में उनके कैरियर में इसका फायदा ही होगा। कार्यक्रम में निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए और अनुसंधान परियोजना की विशेष बैठक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा मुकेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। अनुसंधान परिषद की बैठक कल भी चलेगी।
दो दिन के कार्यक्रम में सौ से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं पर गहन विमर्श किया जाएगा।कार्यक्रम में निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा, डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय, कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार, डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश कुमार, डॉ रत्नेश झा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक पदाधिकारी एवं शिक्षक आदि मौजूद थे।