अभिजीत पाण्डेय
नई दिल्ली/पटना। नीट पेपर लीक मामले में शुक्रवार को बिहार के आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। ईओयू ने इस मामले की 42 दिनों तक अनुसंधान किया था। 10 मई को ईओयू को अनुसंधान का जिम्मा मिला और फिर 22 जून को जांच सीबीआई को सौंप दिया गया।
ऐसे में 42 दिनों तक ईओयू ने पेपर लीक को लेकर जो कुछ भी साक्ष्य इकट्ठा किए हैं, वह सुप्रीम कोर्ट में सौंप दिया है और बता दिया है कि परीक्षा से पहले पेपर लीक हुए थे। ईओयू के एडीजी ने जो पेपर लीक से संबंधित तमाम साक्ष्य रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है उसमें खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल से बरामद हुए जले हुए प्रश्न पत्र का कोड का अंकित हिस्सा, अभ्यर्थियों के प्राप्त हुए एडमिट कार्ड, गिरफ्तार अभ्यर्थियों के कबूलनामे और परीक्षा माफियाओं के कबूलनामे को भी सुप्रीम कोर्ट में सौंपा है।
इसके अलावा गिरफ्तार अभ्यर्थियों के निशानदेही पर पटना में हुई छापेमारी में बरामद किए गए चेक बुक पासबुक और बैंक लेनदेन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कागजात भी रिपोर्ट में संलग्न किया है। जांच रिपोर्ट में इस बात को भी तस्दीक किया है कि यह पूरा मामला अंतरराज्यीय है।
इस पेपर लीक के तार विभिन्न राज्यों से जुड़े हुए हैं और एक संगठित गिरोह के माध्यम से इस पूरे प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है। संगठित गिरोह को पकड़ने में जो कुछ भी ईओयू की कार्रवाई हुई है उसे भी रिपोर्ट में संलग्न करके सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराया है।
रिपोर्ट में ईओयू ने इस बात को स्पष्ट किया है कि परीक्षा शुरू होने से पहले पुलिस को जले प्रश्न पत्र प्राप्त हो गए थे, जिस पर कोड अंकित था जो हजारीबाग के स्कूल से मैच किया। बहरहाल अब इस पूरे मामले की 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।