Mandsaur में Sahastreshwar Mahadev Shivling की प्रतिमा स्थापित की जा रही थी। Shivling स्वरूप ढाई टन वजनी, 6.50 फीट लंबा और इतनी ही गोलाई का है। शिव के इस नए स्वरूप को जलाधारी यानि जिलहरी में स्थापित किया जाना था। इसे क्रेन की मदद से जिलहरी में उतारा जाना था। लेकिन कोई नहीं बता पाया कि आखिर शिवलिंग को जिलहरी पर कैसे उतारा जाए… मिस्त्री Maqbool ने मिनटों में समस्या हल कर दी… मकबूल की सूझबूझ काम आयी… इस तरह से जिस काम के लिए आला अफसर- Engineers घंटों से परेशान हो रहे थे, वो काम मिनटों में हो गया… शिव सहस्त्रेश्वर महादेव जलाधारी में स्थापित हो गए.. क्या है मामला video के ज़रिए जानिए