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Employment in Uttarakhand : उत्तराखंड में रोजगार देंगी आवारा गायें!

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Employment in Uttarakhand : सुरक्षा के लिए 4000 से लेकर 5000 रुपये प्रति माह तक मिलेगा मेहनताना

Employment in Uttarakhand : इसे समय की नजाकत ही कहा जाएगा कि जहां आवारा बच्चों को शिक्षक सुधारते थे वहीं उत्तराखंड में आवारा पशुओं को सुधारने और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी बेरोजगार युवाओं को दी जा रही है। इन युवकों को बाकायदा 4000 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रतिमाह मेहनताना भी दिया जाएगा। उत्तराखंड सरकार ने गाय को हर रोज मिलने वाले चारे का बजट छह रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया है। मतलब आवारा गायें युवाओं को Employment in Uttarakhand देंगी। उत्तराखंड सरकार ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं।

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सरकार ने एक ओर Stray Cattle Problem को खत्म करने की योजना बनाई है तो दूसरी ओर बेरोजगारों को रोजगार देने की। सरकार ने गायों की सुरक्षा में लगने वाले युवाओं को पशु कल्याण विभाग में समायोजित करने की भी योजना बनाई है। हालांकि इस योजना में यह स्पष्ट नहीं है कि गायों को बांधने और उनके रहने के लिए जगह पात्र व्यक्ति को खुद देखनी होगी या फिर सरकार उपलब्ध कराएगी।

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दरअसल देश के कई राज्यों में जब से गोवंश कटान पर प्रतिबंध लगा है तब से गांवों में Stray Cattle Problem लगातार बढ़ रही है। उत्तर भारत के गांवों में गोवंश के किसानों की फसलों को चौपट करने के आरोप लग रहे हैं। शहरों में सड़कों पर गोवंश की संख्या बढ़ने से जाम लगने और हादसा होने की आशंका बनी रहती है। यही वजह है कि गायों की सुरक्षा को लेकर देा में बड़ी सियासत हो रही है।

Uttarakhand Government Scheme : भाजपा यदि गाय संस्कृति को बढ़ावा देने की बात करती है तो विपक्षी पार्टियां गोवंश के बढ़ने से किसानों की फसल चौपट होने और हादसों बढ़ाने का आरोप लगाती हैं। जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गायों की सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठा रही है वहीं अब उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी गायों की सुरक्षा के लिए बड़ी योजना बनाई है। इस योजना में बेरोजगारी कम करने की भी प्लानिंग है। उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा है कि हमने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हर रोज मिलने वाले चारे का बजट मौजूदा छह रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है। उन्होने कहा है कि गायों की सुरक्षा के लिए युवाओं को लगाया जा जाएगा और इन युवाओं को प्रति माह 5000 हजार रुपये तक मेहनताना मिलेगा।

दरअसल उत्तराखंड में धामी सरकार ने यह रोजगार देने की योजना ग्राम सौ संरक्षण समितियों के गठन के जरिये बनाई है। इस योजना के शुरुआती चरण में अगले छह महीने में एक करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रावधान है, जिसमें लगभग पचास गांवों के बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। ज्ञात हो कि धामी सरकार ने Uttarakhand Government Scheme के जरिये गौ संरक्षण समितियों के हर सदस्य को आवारा गायों की रक्षा और पोषण के लिए प्रति माह लगभग 5000 रुपये तक तक का भुगतान करने का निर्णय लिया है।

दरअसल यह फैसला शनिवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया है। बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिए Enhanced Annual Budget

2.5 करोड़ से 15 करोड़ रुपये का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हमने हर रोज मिलने वाले चारे का बजट मौजूदा 6 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये प्रति गाय कर दिया है।

Uttarakhand Government Scheme

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के 13 जिलों में से प्रत्येक के लिए गायों और अन्य मवेशियों की तस्करी को रोकने के लिए 12.5 लाख रुपये की राशि आवंटित करने का भी निर्णय लिया है। राज्य के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक आशुतोष जोशी ने बताया कि गांवों के अकुशल, कम पढ़े लिखे और बेरोजगार लोगों को गौ सेवक नियुक्त किया जाएगा और आवारा गांयों की देखभाल के लिए उन्हें प्रति माह 4000 से लेकर 5000 रुपये भुगतान किया जाएगा। एक व्यक्ति को कम से कम चार से पांच गायों की जिम्मेदारी लेनी होगी और एक पशु के लिए कम से कम 900 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

इस परियोजना में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और साथ ही मवेशियों की समस्या भी हल होगी। जोशी ने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो बाद में युवाओं को सरकार द्वारा पशु कल्याण विभाग के अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए भी लगाया जाएगा। Employment in Uttarakhand योजना के तहत उन्हें मवेशियों का टीकाकरण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें अलग से प्रति गाय 12 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें जानवरों को टैग करना भी सिखाया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रति गाय 20 रुपये दिया जाएगा।