प्रख्यात समाजवादी ने कहा-जिला प्रशासन बताये कि ये ईवीएम कहां से लाई जा रही थी और कहां ले जाई जा रही थी
द न्यूज 15
नई दिल्ली। प्रख्यात समाजवादी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में शिक्षक रहे प्रो. प्रेम सिंह ने चुनाव परिणाम आने से पहले उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ईवीएम के पकड़े जाने पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कितनी भी सफाई दे पर इस तरह से से इतने बड़े स्तर पर ईवीएम का मिलना संदेह तो पैदा करता ही है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के लिए इस मामले की तह तक जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह बताए कि ये ईवीएम कहां से लाई जा रही थी और कहां ले जाई जा रहंी थी। उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी और बदले जाने के आरोप लंबे समय से लग रहे हैं। चुनाव आयोग को इस तरह के मामलों को स्पष्ट करना चाहिए। इन चुनावों को लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई कहने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए प्रो. प्रेम सिंह ने कहा कि इन नेताओं के लिए यह सत्ता की आखिरी लड़ाई हो सकती है पर देश में कभी लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई नहीं होगी। देश के लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि कोई ताकत इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। लोकतंत्र के रक्षा के लिए देश में हर समय जागरूक लोग बलिदान देने को तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित समाजवादियों के संघर्ष के बदले सत्ता की लड़ाई लड़ने के चलते लोकतंत्र थोड़ा कमजोर जरूर हुआ है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश में संवाद यात्रा के नाम से एक जागरूकता अभियान छेड़ा जाएगा।
नई दिल्ली। प्रख्यात समाजवादी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में शिक्षक रहे प्रो. प्रेम सिंह ने चुनाव परिणाम आने से पहले उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ईवीएम के पकड़े जाने पर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कितनी भी सफाई दे पर इस तरह से से इतने बड़े स्तर पर ईवीएम का मिलना संदेह तो पैदा करता ही है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के लिए इस मामले की तह तक जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह बताए कि ये ईवीएम कहां से लाई जा रही थी और कहां ले जाई जा रहंी थी। उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी और बदले जाने के आरोप लंबे समय से लग रहे हैं। चुनाव आयोग को इस तरह के मामलों को स्पष्ट करना चाहिए। इन चुनावों को लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई कहने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए प्रो. प्रेम सिंह ने कहा कि इन नेताओं के लिए यह सत्ता की आखिरी लड़ाई हो सकती है पर देश में कभी लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई नहीं होगी। देश के लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि कोई ताकत इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। लोकतंत्र के रक्षा के लिए देश में हर समय जागरूक लोग बलिदान देने को तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित समाजवादियों के संघर्ष के बदले सत्ता की लड़ाई लड़ने के चलते लोकतंत्र थोड़ा कमजोर जरूर हुआ है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश में संवाद यात्रा के नाम से एक जागरूकता अभियान छेड़ा जाएगा।
दरअसल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बनारस में ईवीएम से भरी एक गाड़ी को पकड़ने का दावा किया गया है। इस मामले में जिला प्रशासन ने कहा है, “ये चुनाव में इस्तेमाल हुईं ईवीएम नहीं हैं। जो EVM चुनाव में इस्तेमाल हुई थीं, वे सब स्ट्रॉन्ग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है, जिसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं।” प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रशिक्षण के लिए EVM मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से UP कॉलेज ले जाई जा रही थी, जिसे कुछ राजनीतिक लोगों ने रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कहकर अफवाह फैलाई है। प्रशासन ने कहा है कि काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की ट्रेनिंग हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं।
उधर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार और डीएम काउंटिंग से पहले बेइमानी की तैयारी का आरोप लगाकर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि वहां ईवीएम लदीं तीन गाड़ियां कहीं भेजी जा रही थीं। हमारे लोगों ने एक गाड़ी पकड़ ली और दो गाड़ियां भाग गईं। अखिलेश ने सवाल किया कि इतनी फोर्स के बाद भी ऐसा कैसे हो रहा है। बिना सुरक्षा ईवीएम इधर से उधर कैसे जा रही है। गाइडलाइन बनी हुई है कि आपको ईवीएम मूव कराना है तो जो प्रत्याशी लड़ रहे हैं, उन्हें बताना होगा।
मामले पर डीएम का स्पष्टीकरण पर अखिलेश ने यहां तक कहा कि बनारस के डीएम बेइमानी करा रहे हैं।