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पर्यटक शहर राजगीर में वेंडिंग जोन नहीं बनाने के कारण सड़क किनारे सजती हैं फल, सब्जी की दुकानें

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30 साल से वेंडिंग जोन के लिए लोग लगा रहे गुहार, मिला सिर्फ आश्वासन

 मुख्य सड़क किनारे दुकान लगाने से यातायात हर दिन होती है प्रभावित

राम विलास

राजगीर। आजादी के 76 साल बाद भी पर्यटक शहर राजगीर में एक अदद वेंडिंग जोन नहीं है। वेंडिंग जोन नहीं होने के कारण शहर में सब्जी- फल, मछली आदि की दुकानें सड़क के किनारे फुटपाथ पर लगाई जाती है। इसका खामियाजा स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों, पर्यटकों और खासकर यातायात व्यवस्था को भुगतना पड़ता है। हमेशा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है।

सड़क किनारे फुटपाथ पर दुकान लगाने से शहर की सड़कें सकरी हो गयी है। उसकी खूबसूरती भी समाप्त हो गयी है। यातायात व्यवस्था हर दिन प्रभावित होती रहती है। वेंडिंग जोन नहीं होने के कारण साग – सब्जी, फल – मछली आदि बेचकर जीवन गुजर बसर करने वाले लोग फुटपाथ पर ही दुकान लगाकर रोजी-रोटी का जुगाड़ करने के लिए मजबूर हैं।

फुटपाथ दुकानदार और शहरवासी इस समस्या से निजात पाने के लिए नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगा चुके हैं। बावजूद समस्या जस की तस पड़ी है। अभी तक इस समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पाई है। ऐसा देखा जाता है कि गर्मी की चिलचिला धूप में ग्राहक सड़क किनारे सब्जी, फल, मछली आदि खरीदने के लिए मजबूर हैं।

बरसात के दिनों में इसका हल और बुरा हो जाता है। जब जल जमाव और कीचड़ सड़क किनारे उत्पन्न हो जाते हैं, तब हालात नारकीय बन जाता है। सूत्रों की माने तो वेंडिंग जोन की मांग पर आश्वासन के अलावे कुछ नहीं मिलता है। यही कारण है कि सदी और साल बदल रहे हैं लेकिन समस्याएं जस की तस बनी है।

 

क्या कहती है जनता

 

सब्जी विक्रेता रोशन कहते हैं कि सांसद, विधायक, वार्ड पार्षद सब वोट मांगने के लिए आते हैं। लेकिन बेंडिंग जोन बनाने की बात कोई नहीं करते हैं। बेंडिंग जोन बनाने के लिए फुटपाथ दुकानदार संघ नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन तक बार-बार गुहार लगाता है। लेकिन उनके द्वारा आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया जाता है।

सब्जी विक्रेता राजेश पंडित बताते हैं कि करीब 30-40 साल से बेंडिंग जोन की मांग नगर परिषद और जिला प्रशासन से की जा रही है। वेंडिंग जोन नहीं रहने के कारण फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं। सांसद, विधायक और वार्ड पार्षदों को फुटपाथियों की समस्या से कोई लेना देना नहीं है। बेंडिंग जोन बनाने की मांग पर जिम्मेदार गूंगे और बहरे बन जाते हैं। फुटपाथ दुकानदारों की कोई नहीं सुनते हैं।

दुकानदार निर्मल द्विवेदी कहते हैं कि शहर में अनेकों जगहों पर वेंडिंग जोन और नॉन वेंडिंग जोन के साइन बोर्ड लगाये गये थे। लेकिन आज तक राजगीर में बेंडिंग जोन कहीं बनाया नहीं बनाया गया है। नतीजा है कि सड़क किनारे जान जोखिम में डालकर और अपमान सहकर फुटपाथ दुकानदार रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर है। फुटपाथ पर दुकान लगाने से जाम की समस्या शहर में उत्पन्न होती है। इसके लिए फुटपाथ दुकानदार कम और प्रशासन अधिक जिम्मेदार हैं।

वरीय वार्ड पार्षद डॉ अनिल कुमार कहते हैं कि शहर और सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए राजगीर में वेंडिंग जोन का निर्माण आवश्यक है। नगर परिषद और जिला प्रशासन को मिलकर इस समस्या के निदान के लिए संयुक्त रूप से पहल करनी चाहिए। वेंडिंग जोन के निर्माण होने से सड़कें साफ-सुथरी और चौड़ी तो दिखेगी ही यातायात की समस्या का निदान भी सदा के लिए हो सकता है। वह अगली बोर्ड की बैठक में वेंडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।

पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार कहते हैं कि वेंडिंग जोन शहर की जरुरतों में एक है। दुर्घटनाओं और सड़क जाम से बचने के लिए राजगीर में वेंडिंग जोन का निर्माण होना बहुत आवश्यक है। इससे केवल फुटपाथ दुकानदारों का ही भलाई नहीं होगी, बल्कि शहर वासियों के साथ देश – दुनिया से यहां आने वाले पर्यटकों की भी भलाई होगी। सड़के साफ सुथरी रहेगी तभी यातायात सुगम हो सकेगा।