‘सप्तराग’ का हुआ लोकार्पण
मुजफ्फरपुर। हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत के विद्वान, प्रख्यात कवि और उपन्यासकार डॉ. शिवदास पाण्डेय की जयंती समारोह प्रजापिता ब्रह्मकुमारी सभागार में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर ‘शिवदास पाण्डेय: जीवन और सृजन’ पर केंद्रित पुस्तक ‘सप्तराग’ का लोकार्पण भी किया गया।
डॉ. शिवदास पाण्डेय: साहित्य और शिक्षा के ध्रुवतारा
समारोह का उद्घाटन बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिनेशचंद्र राय ने किया। उन्होंने कहा कि बनारस साहित्य, संस्कृति और कला का केंद्र है, लेकिन मुजफ्फरपुर भी साहित्यिक धरोहर से समृद्ध शहर है, जहां आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री, रामवृक्ष बेनीपुरी, रामधारी सिंह दिनकर और डॉ. शिवदास पाण्डेय जैसे महान साहित्यकारों ने अपनी रचनात्मकता से पहचान बनाई।
डॉ. पाण्डेय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि वे अग्निधर्मा कवि और कथाकार थे, जिन्होंने सहज भाषा में जटिल विषयों को रचनात्मक रूप दिया। डॉ. महेंद्र मधुकर ने उन्हें कुशल प्रशासक और स्वर प्रतिभा संपन्न रचनाकार बताया, जिन्होंने मिथकों और बिंबों के माध्यम से अतीत से आधुनिकता तक की यात्रा की।
शिवदास पाण्डेय का व्यक्तित्व: पारदर्शिता और ओजस्विता का संगम
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने डॉ. पाण्डेय को “पारदर्शी जल” और “चिंतनशील अग्नि” के समान बताया। कवि व गीतकार डॉ. संजय पंकज ने कहा कि उनके साथ होने का अनुभव किसी को दुनियादारी से परे ले जाता था। वे न केवल मार्गदर्शक थे, बल्कि साहित्यिक प्रेम और सृजनशीलता का प्रतीक थे।
उनकी सुपुत्री एवं ‘सप्तराग’ की संपादक वंदना विजयलक्ष्मी ने भावुक होकर कहा कि पिता पर बोलने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं, लेकिन इस पुस्तक के माध्यम से उनकी स्मृतियां सजीव बनी रहेंगी।
संगीत और काव्य से सजी यादगार संध्या:
समारोह में राकेश कुमार मिश्र, सिद्धि शंकर मिश्र और हिमालय ने डॉ. पाण्डेय के गीतों की संगीतमयी प्रस्तुति दी, जबकि पुष्पा प्रसाद और सविता राज ने उनके गीतों और ग़ज़लों के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर बी.के. रानी दीदी, एच.एल. गुप्ता, देवव्रत अकेला, सोनी सुमन, रामप्रवेश सिंह, लोकनाथ मिश्र, कुमारी अनु, अरुण कुमार सिंह, हरिकिशोर प्रसाद सिंह, अशोक भारती, गोपाल भारती, विकासनारायण उपाध्याय, विशाख सारस्वत, अजय पाण्डेय समेत कई साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।
शिवदास पाण्डेय विचार मंच के सचिव धनंजय पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया, जबकि विकासनारायण उपाध्याय ने अतिथियों का धन्यवाद किया। समारोह के दौरान स्व. डॉ. शिवदास पाण्डेय की धर्मपत्नी सुधा पाण्डेय को विशेष सम्मान दिया गया।