“मुस्कान का दान”

कभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में,
तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है —
जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद गिर जाए,
जैसे सूनी आँखों में उम्मीद फिर गहराए।

दान क्या है?
सिर्फ अन्न, जल, या स्वर्ण की गाथा नहीं,
कभी-कभी वक्त का दिया पल भी
किसी की टूटती दुनिया की परिभाषा बदल देता है।

तुम जब अनकहे दर्द को पढ़ लेते हो,
बिना माँगे सहारा बन जाते हो —
वो भी एक दान ही है,
जो किसी मंदिर की घंटी से कहीं ज़्यादा गूंजता है।

कभी किसी को चुपचाप हौसला दे देना,
बिन शब्दों के उसकी आँखों को पढ़ लेना,
यह भी तो प्रेम की भिक्षा है —
जिसे देने वाला राजा हो जाता है,
चाहे वस्त्र फटे हों या जेबें खाली।

किसी को उसकी खोई मुस्कान लौटा देना,
किसी निराश आत्मा में जीवन की लौ जगा देना —
यह दान नहीं,
मानवता का सबसे पवित्र यज्ञ है।

तो जब भी कर सको,
किसी के मन में एक दीप जला देना,
कोई तुम्हारी वजह से मुस्कराए —
समझो तुमने सृष्टि को एक नया सूर्य दे दिया।

प्रियंका सौरभ

  • Related Posts

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    गद्दारी का साया?

    • By TN15
    • May 20, 2025
    गद्दारी का साया?

    “गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश”

    • By TN15
    • May 20, 2025
    “गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश”

    कलम लाऊँगा

    • By TN15
    • May 20, 2025
    कलम लाऊँगा

    ऐसे में भी कोई सरकार के खिलाफ न बोले ?

    • By TN15
    • May 20, 2025
    ऐसे में भी कोई सरकार के खिलाफ न बोले ?

    बचना मुश्किल लग रहा है जासूसी में फंसी ज्योति मल्होत्रा का !

    • By TN15
    • May 20, 2025
    बचना मुश्किल लग रहा है जासूसी में फंसी ज्योति मल्होत्रा का !

    भारत-पाकिस्तान तनाव में बॉलीवुड की चुप्पी – आलोचना और समर्थन की तारीफ

    • By TN15
    • May 20, 2025
    भारत-पाकिस्तान तनाव में बॉलीवुड की चुप्पी – आलोचना और समर्थन की तारीफ