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भारत के लिए फायदेमंद साबित होंगे डोनाल्ड ट्रंप!

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चरण सिंह
डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद शांति की बात कही, जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप महात्मा बुद्ध के संदेश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर देश में युद्ध नहीं बुद्ध की बात करते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप भारत के लिए फायदेमंद साबित होंगे। डोनाल्ड ट्रंप भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देते हुए दिखाई देंगे। आर्थिक नीति के साथ ही पड़ोसी देशों से संबंध के मामले में भी डोनाल्ड ट्रंप भारत का साथ देते हुए दिखाई देंगे। वैसे भी पिछले कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को होने वाली अमेरिकी फंडिंग रोक दी थी।
देखने की बात यह है कि हाउडी मोदी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगवा दिया था। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर गुजरात में ट्रंप को बुलवाकर उनका भव्य स्वागत किया था। जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप चुनाव बीच में बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हुए अत्याचार का मुद्दा उठाया उससे भारतीय मूल का वोट उन्हें मिले। डोनाल्ड ट्रंप को उनके ऊपर हमले को लेकर भी लोगों की सहानुभूति मिली। कमला हैरिस जिस तरह से चुनावी मैदान में थी, जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप पूरे चुनाव में छाये रहे उसको देखकर भी कहा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस से यह चुनाव जीत लिया। देखने की बात यह है कि चुनावी सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप को पीछे और कमला हैरिस को आगे दिखाया जा रहा था।
यह अपने आप में दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ तालमेल बैठाकर लद्दाख सीमा पर २०२० जैसी स्थिति बनवाई। ऐसे ही मोदी का प्रयास होगा कि अमेरिका को साथ लेकर इजरायल-ईरान, रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाया जाए। देश में शांति का संदेश दिया जाए। भारत हथियारों की होड़ को न रोकने बल्कि हथियारों को नष्ट करने का भी पक्षधर है। दरअसल समाजवाद का प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया हथियारों की होड़ के विरोधी थे उनका मानना था कि यदि इस समय हथियारों की होड़ पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में दुनिया में अराजकता फैल सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोहिया का रास्ता अपनाते हुए दुनिया को शांति के रास्ते पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि उनके इस प्रयास में व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप का साथ मिल गया तो निश्चित रूप से वह एक इतिहास लिखने में सफल साबित होंगे। डोनाल्ड ट्रंप और मोदी का प्रयास हुआ तो इजराइल और फिलिस्तीन के साथ ही ईरान का मुद्दा भी सुलझ सकता है।