समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई
बिट्टू कुमार
पश्चिम चम्पारण/बेतिया। नगर आयुक्त एवं मेयर के आमने सामने टकराव को लेकर आज नगर निगम में पूर्व से प्रस्तावित सामान्य बोर्ड की बैठक स्थगित कर दिया गया है। जो बेतिया की जनता की विकास के लिए बाधक है। इस बाबत नगर निगम की उपमेयर गायत्री देवी ने कड़ा दुःख जताया है। उन्होंने कहा है कि आज की बोर्ड की बैठक महत्वपूर्ण थी। बोर्ड में नगर की विकास पर चर्चा होनी थी परन्तु इसे स्थगित कर दी गई है। यह दुःख की बात है। निगम की जनता के साथ छलावा है। मैं नगर निगम में हो रहे घोर भ्रष्टाचार पर समय-समय से आवाज उठाते आई हूं परंतु मेरी आवाज को दबा दिया जा रहा था। नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार का जिम्मेवार नगर निगम में कार्यरत अवैध कर्मी है। जो ऊपर से नीचे तक भरे हैं। जिनसे नगर निगम की सभी अवैध कार्यो का निष्पादन कराई जाती है। इन सभी अवैध कर्मियों पर पूर्व से ही माननीय उच्च न्यायालय पटना में केस विचाराधीन है। तो फिर कैसे अवैध कर्मियों से काम लिया जा रहा है। वहीं उपमेयर ने आगे बताया कि नगर निगम में कार्यरत (जे०ई )कनीय अभियंता के ऊपर भी आय से अधिक संपति अर्जित करने के मामले में मुजफ्फरपुर निगरानी कोर्ट ने केस दर्ज किया था। और इनके विभिन्न आवासों पर निगरानी विभाग की टीम द्वारा छापेमारी कर इनकी अवैध कमाई करोड़ रुपए एवं इनके लांकर से गहने बरामद किया गया था। इसके बाद इनपर कार्यवाही करते हुए इन्हें दूसरे नगर परिषद में स्थानांतरित कर दिया गया था। बड़ा सवाल यह है की आखिर किस परिस्थिति वश इनको वहा से स्थानांतरित कर नगर निगम में बुलाया गया है। आगे उन्होंने ने कहा आखिर भ्रष्टाचारियों के भरोसे ही क्यों टिकी है बेतिया नगर निगम। आख़िर किसके सह पर नगर निगम में खुलेआम सरकारी राशि का लूट खसोट चल रहा है। आखिर इन भ्रष्टाचारियों पर कब कार्यवाही होगी। कब बन्द होगा नगर निगम में टकराव का खेल।