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दिनेश चंद्र दिवाकर ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों से की सहारा पीड़ितों की तुलना 

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भारतीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने 10 मार्च  को सहारा से भुगतान को लेकर उदयपुर में होने वाले आंदोलन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में आयोजित की एक बैठक

द न्यूज 15 
लखनऊ। भारतीय संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने कहा है कि जहां एक तरफ यूक्रेन में भारी मात्रा में भारतीय फंसे हैं वही दूसरी तरफ सेम कहानी सहारा इंडिया कम्पनी में 80% जमाकर्ता पीड़ित और सरकार की पूंजीपतियों के पक्ष में बनाई गई नीतियों से प्रताड़ित  हो रहे हैं।  दिनेश चंद्र दिवाकर सहारा के खिलाफ 10 मार्च को राजस्थान के उदयपुर शहर में होने वाले आंदोलन को लेकर संतकबीर नगर में आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री वैसे तो अपने को गरीबों का मसीहा साबित करने में लगे रहते हैं पर सहारा पीड़ित जमाकर्ताओं की उन्हें कोई परवाह नहीं है। दिनेश चन्द्र दिवाकर का कहना है कि यदि पीएम मोदी इसके विषय में नहीं सोचेंगे तो 2024 में उनको देश के गद्दी से उखाड़ फेंका जाएगा। मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक शम्भू सिंह श्रीनेत ने कहा कि इस ठग और बेईमान के खिलाफ लामबंद हो लडाई लड़नी होगी।
राष्ट्रीय मुख्य महासचिव राधेश्याम सोनी ने कहा कि 10 मार्च के बाद राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा देश मे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने जा रहा है जो आंदोलन हर जिले में जा जाकर सबको जगाया जाएगा और सभी कार्यकर्ताओं व जमाकर्ताओं के साथ हर जिले में रात्रि निवास करके उनको मोर्चे के साथ आंदोलन की कड़ी को मजबूत करने का काम किया जाएगा। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि अगर सुब्रत राय भुगतान की स्थिति को स्प्ष्ट नहीं करते हैं तो वह अंजाम भुगतने को भी तैयार रहें।
संतकबीर जिला अध्यक्ष  रामनाथ यादव व राजू लाल श्रीवास्तव ने कहा कि इस ठग के खिलाफ 10 मार्च के बाद आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी चाहे अंजाम जो कुछ भी हो, जिला उपाध्यक्ष सन्त कबीर नगर अरविंद कुमार गुप्ता व राम किसुन गौड़ व जिला सचिव सिद्धार्थ नगर उमेश चन्द्र निषाद ने कहा कि भुगतान न होना भारतीय जनता पार्टी का दोहरा मानचित्र यह दर्शाता है कि दोनों जगहों  पर उनकी सरकार रहने के बावजूद भी भुगतान अगर नही हो रहा तो इनका पूरा हाथ है। वही हज़रत कमरे आलम साहब ने कहा कि सुब्रत की तरह मोदी जी की भी मानसिकता में नजर लगी है कि उनको तो जरूर सोचना चाहिए कि लोगो की दवाई पढ़ाई शादी तमाम काम बाधित हो रहे हैं लेकिन इनको को ई परवाह नही है।