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भगवान बुद्ध के धम्म, संघ की स्थापना ने भारत को नयी पहचान दी है : प्रो राजेश रंजन

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राम विलास

राजगीर। गुरुवार को भगवान बुद्ध के उपदेशों से बौद्ध विद्या केन्द्र नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय गूंजते रहा। बुद्ध जयन्ती के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सभी कार्यक्रम में देशी विदेशी शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी शामिल हुए। कार्यक्रम की शुभारंभ विश्वविद्यालय परिसर में भगवान बुद्ध की पाषाण प्रतिमा की पूजा अर्चना, पुष्पाजलि अर्पित कर व बुद्ध वंदना कर की गयी।

बौद्ध भिक्षु संघ द्वारा महामंगलसुत्त एवं मेत्त सुत्त का पाठ किया गया। तदुपरांत कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो राजेश रंजन ने कहा कि भगवान बुद्ध के धम्म, संघ की स्थापना ने भारत को नयी पहचान दी है। महात्मा बुद्ध के नैतिक व दार्शनिक पहलुओं को समस्त विश्व में पहुंचाने की आवश्यकता पर उनके द्वारा बल दिया गया।

उन्होंने कहा महात्मा बुद्ध के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। उनके उपदेश और आदर्शों पर चलकर विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। प्रो राजेश रंजन ने कहा कि महात्मा बुद्ध के संदेशों को नव नालंदा महाविहार फिर दुनिया में फैलाने का काम कर रहा है। यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे विदेशी विद्यार्थी सांस्कृतिक दूत बनकर उभर रहें हैं।

बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार वर्मा ने कहा कि आज जरूरत है बुद्ध के शिक्षा को अपने व्यवहार व आचरण में लाने की। उन्होंने यह भी कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं को धारण कर हम अपने जीवन में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकांत सिंह ने बुद्ध की कल्याणकारी शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार पर बल दिया।

इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष, प्रो सुशीम दुबे, प्रो. रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन शोधछात्र पज्ञासारा व धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. मीता ने किया। इसके पहले महाविहार के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बुद्ध जयन्ती की पूर्वसन्ध्या पर महासतिपद्वान सुत्त का पाठ किया गया।

बुद्ध जयन्ती कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को पिपली गुफा की धम्म यात्रा के साथ सम्पन्न होगी। इस धम्म यात्रा में महाविहार के पदाधिकारी, शिक्षक एवं देशी विदेशी छात्र राजगीर के ब्रह्मकुण्ड से पिपली गुफा तक पद यात्रा करेंगे। नालंदा में श्याम बुद्ध प्रतिमा के पास भी बुद्ध जयंती समारोह का आयोजन किया गया।