Deworming Program : जिलाधिकारी ने मोरना प्राथमिक विद्यालय में किया कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ
Deworming Program : नोएडा जनपद में कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत बुधवार को स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक से 19 साल तक के बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई गयी। जनपद में मोरना स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यक्रम का शुभारंभ District Magistrate Suhas LY ने Deworming Program के तहत बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने क्लास रूम में जाकर बच्चों से बातचीत भी की। जिलाधिकारी ने बच्चों से उनके सपनों के बारे में पूछा और अपने स्कूली समय के अनुभवों को उनसे साझा किया। बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी ने भी एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन किया।
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जिलाधकारी ने बच्चों को सबसे पहले एल्बेडाजोल गोली के बारे में बताया। उन्होंने बताया – यह पेट के कीड़े निकालने की दवा है। इसे सभी बच्चे जरूर खाएं। जिलाधिकारी के साथ मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह गोली चबाकर खानी है और उसके बाद पानी पीना है। गोली के प्रति बच्चों में भरोसा पैदा करने के लिए उनके साथ The District Magistrate also consumed the bullet.
National Child Health Program के नोडल अधिकारी डा. अमित कुमार ने बताया – आरबीएसके के तहत बुधवार को एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की गोली खिलाई गयी। जनपद में करीब 6.91 लाख बच्चों-किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो बच्चे बुधवार को दवा खाने से छूट जाएंगे, उन्हें मॉपअप राउंड में 25 से 27 जुलाई के बीच गोली खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया- एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पीसकर पानी से खिलाई गई, जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पानी से खिलाई गयी। सभी बच्चों को स्कूलों में भोजन के बाद यह गोली खिलाई गयी। खाली पेट गोली खाने की मनाही है।
डीईआईसी मैनेजर रचना वर्मा ने बताया- National Child Health Program के तहत जनपद में 1108 आंगनबाड़ी केन्द्र और करीब 746 सरकारी व निजी स्कूल हैं। सभी स्कूलों में मंगलवार को एल्बेंडाजोल गोली उपलब्ध करा दी गयी थी, बुधवार को बच्चों को दवा खिलाई गयी।
डा. अमित कुमार ने अपील की है कि जो बच्चे दवा खाने से वंचित रह गये हैं वह मॉपअप राउंड में 25 से 27 जुलाई तक दवा जरूर खा लें। उन्होंने बताया – बच्चों और किशोरों को साल में दो बार पेट के कीड़े निकालने की दवा स्वास्थ्य विभाग की ओर से खिलाई जाती है। उन्होंने बताया पेट के Severe insect Infestation हो जाता है। दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी, जी मिचलाना, गुदा मार्ग में खुजली, शरीर का विकसित न होना, भूख कम लगना, खाना खाने का मन नहीं करना, पेट फूलना आदि इसके लक्षण हैं। बच्चे में कृमि की संख्या जितनी ज्यादा होगी लक्षण उतने ही अधिक होंगे। कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए उसके Essential Nutrients of the Body को खाते रहते हैं। यह कीड़े विषाक्त रस छोड़ते हैं, जिससे बच्चे का पोषण रुक जाता है।
जिलाधिकारी ने बच्चों से पूछा उनके सपने क्या हैं
District Magistrate Suhas LY ने क्लास रूम में जाकर बच्चों से काफी देर बात की। इस दौरान उन्होंने बच्चों से उनके सपनों के बारे में पूछा। कुछ बच्चों ने डाक्टर बनने, कुछ ने इंजीनियर, पुलिस और कुछ ने सेना में जाने की बात कहीं। कई बच्चों ने कलाकर, गायक बनने की भी बात कही। इस दौरान उन्होंने ब्लैक बोर्ड पर “चेज योर ड्रीम” लिखा और बच्चों से इसका अर्थ पूछा। उन्होंने बच्चों से उनकी पसंद के विषय के बारे में पूछा। जिलाधिकारी ने बच्चों से पूछा कि वह घर में कितने घंटे पढ़ते हैं। District Magistrate Suhas LY ने आत्मविश्वास बढ़ाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कोई भी उपलब्धि हासिल करने वाले आसमान से नहीं आते, इसी जमीन पर सभी आप ही की तरह होते हैं। उन्होंने “तारे जमीं पर” की चर्चा करते हुए सभी बच्चों से जमीन पर सितारे की तरह चमकने के लिए आत्मविश्वास पैदा करने को कहा। जिलाधिकारी की क्लास में सभी बच्चे बहुत ही सहज रहे और उनके सभी सवालों का जवाब दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अमित कुमार, डीईआईसी मैनेजर रचना वर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार, आरबीएसके के राकेश कुमार, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ और विद्यालय की शिक्षिकाएं व समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दादरी के प्राथमिक विद्यालय चिथैरा में भी Deworming Program का शुभारंभ किया।