दीपक कुमार तिवारी
पटना। राजधानी पटना सहित बिहार के सभी छठ घाटों पर श्रद्धालु समय से पहले हीं पहुंचने लगे। घाट छठ गीतों से गुलजार हैं। श्रद्धालु समय से अर्घ्य देना शुरू कर दिए। सभी घाटों पर अर्घ्य देने का सिलसिला देर तक जारी रहा। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अब अगली सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई है। गोताखोरों के नाव तैयार हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। घाट पर पुलिसकर्मी तैनात हैं।
बिहार सरकार ने छठ पूजा के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को पूरे राज्य में व्यापक प्रबंध किए हैं। शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा, जो चार दिवसीय पर्व के समापन का प्रतीक होगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बिहार के सबसे बड़े त्योहार छठ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने गंगा किनारे 100 से अधिक घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। उन्होंने बताया कि पटना के विभिन्न घाटों पर कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं। जिला प्रशासन के अनुसार कच्ची तालाब, गर्दनीबाग तालाब, मानिकचंद तालाब, अनीसाबाद और संजय गांधी जैविक उद्यान झील जैसे विभिन्न जलाशयों पर पूजा-अर्चना के लिए व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ईको पार्क, एनर्जी पार्क, वीर कुंवर सिंह पार्क, शिवाजी पार्क, हार्डिंग पार्क, हनुमान नगर पार्क और एस के पुरी पार्क जैसे प्रमुख पार्क भी उत्सव के लिए तैयार किए गए हैं।
वैशाली के हाजीपुर स्थित कोनहारा घाट को मधुबनी मिथिला पेंटिंग से सजाया गया है। यही नहीं बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को भी अनोखे अंदाज में श्रद्धांजलि दी जी रही है। हाजीपुर के कोनहारा घाट को विभिन्न प्रकार के आकृतियों से सजाया गया है। साथ ही बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के कटआउट बनाकर, वहां पर सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है। छठ पर्व पर बेहतरीन कलाकृतियों को बनाने वाले हाजीपुर के रहने वाले कलाकार धर्मेंद्र कुमार ने आईएएनएस को बताया कि वो और उनकी टीम पिछले 15 दिनों से घाट पर कलाकृतियां बनाने का काम कर रही है। उन्होंने बताया छठ पर साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है। मिथिला पेंटिंग से इसको सजाया गया है। सभी घाटों पर बहुत सुंदर मधुबनी पेंटिंग और सूर्य भगवान और छठ को अर्घ्य देती व्रतियों के कटआउट लगाए गए हैं।
नालंदा के सूर्य नगरी बड़गांव समेत जिले के सभी घाटों पर दिखी छठ की छटा सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरूवार की शाम में व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान सूर्यदेव को जल अर्पण करने नालंदा के सभी घाटों पर श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सबसे ज्यादा द्वापरकालीन बड़गांव और औंगारी धाम में अपार भीड़ दिखी। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अनुष्ठान करने नहाय-खाय के दिन से ही पहुंचे हुए हैं। साक्षात देव सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने घर व समाज की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। शुक्रवार की अहले सुबह उदीयमान (उगते) सूर्य को अर्घ्य देने बाद चार दिवसीय अनुष्ठान का पारण किया जाएगा। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हो जाएगा।
लोक आस्था के महापर्व के तीसरे दिन जिले के विभिन्न छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य की आराधना कर अर्घ्य प्रदान किया गया। बड़ी संख्या में छठव्रती परमान नदी के त्रिसुलिया घाट,नहर सहित विभिन्न पोखरों और तालाबों में बने घाट पर एकत्रित हुए। जहां भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करने के बाद बहते पानी की धारा में खड़े होकर छठ व्रतियों ने छठी मैया की पूजा अर्चना की। प्रकृति को समर्पित प्राकृतिक चीजों के साथ मनाई जाने वाली लोक आस्था के इस महापर्व छठ में श्रद्धालुओं ने फल और पूजन सामग्री से सजे सूप में अर्घ्य प्रदान किया। छठ को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। घाट सहित ट्रैफिक कंट्रोल करने में पुलिस के अधिकारी और बल मुस्तैदी से लगे रहे।
लोक आस्था के महान पर्व छठ का आज तीसरा दिन है। भोजपुर जिले के वैसे तो सभी छठ घाटों पर आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। लोग छठ पर्व के रंग में पूरी तरह से रंगे हुए नजर आ रहे हैं। चारों तरफ छठ मैया के गीतों से माहौल अलग ही दिखाई दे रहा है। वही भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड के ऐतिहासिक बहरी महादेव धाम सूर्य मंदिर में छठ पर्व करने वाले ब्रतीयो की लाखों के भीड़ पहुंची हुई है। हजारों वर्ष पुराने इतिहास को अपने आप में समेटे ये मंदिर काफी ऐतिहासिक है। वही छठ पूजा के मौके पर आसपास के सैकड़ों गांव के लोगों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है। तभी तो छठ पूजा के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त यहां पहुंचे हुए हैं।
बेगूसराय में भी लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ देकर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की। राज्यसभा के पूर्व सांसद राकेश सिन्हा भी अपने गांव मनशेरपुर में सिर पर डाला लेकर घर के कुछ दूर पर बनाए गए घाट किनारे पहुंचे और डूबते सूर्य को अर्क देकर पूजा अर्चना की। राकेश सिन्हा के घर में छठ पूजा होती है और वो हर साल छठ में भाग लेते हैं। शहर से लेकर गांव तक गंगा नदी,पोखर तालाब और घरों में कृत्रिम पोखर बनाकर छठ व्रतियों ने छठ महापर्व की पूजा अर्चना की। शुद्धता का प्रतीक इस महापर्व में आमों खास एक साथ पोखर तालाब पर छठ पर्व पूरे श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जा रहा हैं। मुजफ्फरपुर के गंडक, बूढ़ी गंडक,बागमती नदी के घाट समेत साहू पोखर, पड़ाव पोखर, तीनपोखरिया सहित कई घाटों में छठ व्रती छठ घाट पर पहुंच गए हैं। कई लोग घरों की छत और तालाबों में भी छठ पूजा मना रहे हैं। संध्या अर्घ्य को लेकर दोपहर से ही लोगों ने सूप, दउरा में प्रसाद रखकर घाट किनारे पहुंचना शुरू कर दिया था। घड़ी में पांच बजते ही सभी व्रतियों ने एक साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया ।