The News15

बहरी महादेव छठ घाट पर श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य

Spread the love

 आरा। बिहार के भोजपुर जिले के पीरो में स्थित है बहरी महादेव मंदिर। मंदिर परिसर में प्राचीन काल में बना एक सूर्य मंदिर भी स्थित है, जहां लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को संध्या का अर्घ्य दिया। इस दौरान मंदिर परिसर में पूजा समिति की ओर से सभी प्रकार की व्यवस्था की गई थी। बहरी महादेव मंदिर में छठ करने की मान्यता ये है कि यहां पूजा करने वाले सभी लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं। श्रद्धालु यहां भक्ति भाव से छठ करने आते हैं। इस बार पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचे। उन्होंने भक्ति भाव से भगवान भास्कर की पूजा की।
बहरी महादेव मंदिर परिसर में अष्टदल कलश आकार का सूर्य मंदिर भी मौजूद है। कहा जाता है कि इस मंदिर को चेरो- खरवार ने बनवाया था। यहां एक बड़ा तालाब भी है, जिसमें छठ व्रती स्नान करते हैं। उसके बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करते हैं। ये मंदिर पीरो अनुमंडल मुख्यालय के से करीब तीन किलोमीटर दूर है। मंदिर परिसर में इस बार भीड़ को देखते हुए जेनरेटर, समुचित प्रकाश, चेंजिंग रूम, पेयजल की व्यवस्था और तालाब की बैरिकेडिंग की गई थी।
इसके अलावा सजावट और चलंत शौचालय के अलावा बाकी व्यवस्था जिला प्रशासन के स्तर पर की गई थी। दोपहर बाद से श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचने लगे। उसके बाद उन्होंने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। मान्यता है कि बहरी महादेव मंदिर का अपना विशेष महत्व है। यहां हर साल छठ में लोग पड़ोसी जिलों से भी छठ करने पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में करीब तीन एकड़ क्षेत्र में आम का बगीचा और बड़ा पोखरा घाट है। यहां सूर्य के नौ कलाओं से सुसज्जित अष्टदल कलशाकृत सूर्य मंदिर है। जिससे इस स्थान की महता और बढ़ जाती है।
छठ पर्व पर श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ की वजह से यहां तिल रखने भर की जगह नहीं थी। जिला प्रशासन की ओर से कोई अनहोनी न हो इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। श्रद्धालु अपने परिजनों के साथ मंदिर परिसर में बैठकर छठ गीत गाते हुए छठी मैया की पूजा की। दिन- भर और रात भर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि बहरी महादेव मंदिर में छठ करने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग पहुंचते हैं।
पीरो अनुमंडल के अलावा भोजपुर जिले के कई गांव के लोग मंदिर परिसर में पहुंचे थे। छठ पूजा को लेकर महीने पर भर पहले तैयारी शुरू हो जाती है। उसके बाद छठ के दिन दोपहर बाद से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचने लगते हैं। उसके बाद पूजा शुरू होती है। श्रद्धालुओं ने आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर दिया है। अब सुबह में उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगे।