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बगहा में त्रिवेणी संगम पर उमड़े श्रद्धालु

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 वाहनों की लगी लंबी कतारें

 बगहा। मौनी अमावस्या के दिन वाल्मीकि नगर के त्रिवेणी संगम पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार ( 29 जनवरी ) को लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया। ऐसा लग रहा था मानो पूरा बिहार ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्य उत्तर प्रदेश और नेपाल के लोग भी यहां आ गए हों। संगम स्थल पर भीड़ का आलम यह था कि तीन-तीन किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लग गईं। सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया था।
ब्रह्म मुहूर्त में ही लोग गंडक नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए बेताब दिखे। श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान कर भगवान विष्णु, भगवान शिव और सूर्य देव की पूजा की। दान-पुण्य भी किया। वाल्मीकि नगर के नेपाल से सटे होने के कारण वहां से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे। साथ ही, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से भी लोग स्नान करने आये थे। इससे भीड़ और भी बढ़ गई थी।
प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और मेडिकल टीमें तैनात की गई थीं। किसी भी तरह की अप्रिय घटना या भगदड़ से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। स्नान घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल, BSF के जवान और मेडिकल टीम तैनात रही। तीन-तीन किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें भीड़ का अंदाजा लगाने के लिए काफी थीं।
मौनी अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और आत्मा पवित्र हो जाती है। वाल्मीकि नगर का त्रिवेणी संगम गंडक, तमसा और सोनभद्र, इन तीन नदियों के संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। इसे उत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा संगम स्थल माना जाता है। प्रयागराज के बाद इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। हर साल बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल से लाखों श्रद्धालु यहां स्नान और दान करने आते हैं।